May 20, 2024

आइसक्रीम,फलुदा का नाम सुनते ही मुंह में पानी आ जाता है. आए भी क्यों न! आखिर पंजाबी फलुदा इतनी टेस्टी जो होती है। फिर जब इतनी गर्मी हो, तो आइसक्रीम,फलुदा का मजा दोगुना हो जाता है.

आइसक्रीम, पंजाबी फलुदा पसंद करने वालों को हम बता रहे हैं इंदौर में फलुदा की एक खास दुकान के बारे में जहां का स्वाद आपका दिन बना देगा…

आइसक्रीम, पंजाबी फलुदा के चाहने वालों के लिए ये जगह खास है.3 साल पहले में दूध और केसर कुल्फी,और फलुदा के साथ शुरू होने वाली इस दुकान में आज अच्छी क्वॉलिटी की कई फ्लेवर वाली आइसक्रीम, शेक,और ख़ास फलुदा मिलता हैं.यहां की आइसक्रीम अपने फ्रेश टेस्ट के लिए जानी जाती है। खास बात यह है कि ये किफायती भी है.इन्होने अपनी आइसक्रीम फालूदा में दमदार स्वाद के कारण इंदौर के कई हिस्सों में अपनी पहचान बना ली है.

छप्पन दूकान,मेघदूत चौपाटी और सुखलिया में आइसक्रीम-फलूदे का यह ठिकाना दूर-दूर तक मशहूर है. बड़ी सी गाड़ी में बने आइसक्रीम पार्लर से कुल्फियां निकाल-निकाल कर फलूदा और सिरप डाल कर “कमलेश जी” लोगो को धड़ाधड़ ठंडी-ठंडी, कूल-कूल आइसक्रीम, पंजाबी फलुदा का मजा चखा रहे है .यह दुकान इतनी मशहूर है कि यहां हर पल आइसक्रीम-फलूदा.खाने वालो की भिड़ रहती है यहाँ आकर आप केसर-पिस्ता आइसक्रीम, रॉयल फलुदा विद आइसक्रीम ,चॉकलेट टॉप, स्पेशल रबड़ी फलूदा ,राजस्थानी शेक के शौक़ीन अपना शौक पूरा कर सकते हैं.गिलास में सर्व रबड़ी-फलूदा भी है, लेकिन आइसक्रीम पंजाबी-फलुदा से ही इनकी पहचान है.

इंदौर में जैसे-जैसे पारा बढ़ता जा रहा है वैसे ही चिलचिलाती धूप लोगों को सताने लगी है. गर्मी के दिनों में आइसक्रीम की ठंडक लोगों को बहुत आकर्षित कर रही है. इंदौर की मशहूर आइसक्रीम पंजाबी-फलुदा की दुकान, “महावीर आइसक्रीम ” के मालिक कमलेश जी से बातचीत की तो उन्होंने बताया कि ये आइसक्रीम की दुकान 3 साल पहले छप्पन दूकान चौपाटी में एक छोटी से गाड़ी लगाकर काम की शुरुवात की थी.

इनकी आइसक्रीम, पंजाबी-फलुदा की शोहरत दूर-दूर तक है. कई दशकों का अनुभव इनकी आइसक्रीम पंजाबी-फलुदा में साफ नजर आता है. कुछ खास तरह की आइसक्रीम ने यहां अपना रंग जमा रखा है.समय के साथ जैसे-जैसे व्यापार बढ़ता गया, वैसे-वैसे आइसक्रीम ने भी अपने रंग बदले और समय को देखते हुए इसमें किस्में जुड़ती गईं.लकिन कवालिटी को लेकर उन्होंने कभी कोई समझौता नहीं किया. दूध से लेकर फलों तक सभी चीजों को जांचने-परखने के बाद ही उनका इस्तेमाल किया जाता है.