May 18, 2024

जयपुर-श्री महावीर आयुर्वेद चिकित्सालय- काँटा चौराहा कालवाड रोड जयपुर पर आज श्री धन्तन्तरी जयन्ती एवं सप्तम राष्ट्रीय आयुर्वेद दिवस श्रद्धा पूर्वक मनाया गया।

इस अवसर पर वैद्य कैलाश चन्द्र शर्मा पूर्व उप निदेशक आयुर्वेद विभाग राजस्थान, वैद्य चन्द्रकांत गौतम चिराणा पूर्व उप निदेशक आयुर्वेद विभाग राजस्थान एवं उपस्थित आयुर्वेद चिकित्साधिकारीयो ने विधिवत भगवान धन्तन्तरी जी की पूजा अर्चना की।

इस अवसर पर वैद्य चन्द्रकांत गौतम चिराणा ने बताया कि वर्ष1923 ई.में वैद्यराज पंडित राम प्रताप जी शर्मा चिराणा के द्वारा ग्राम- चिराणा जिला झुंझुनू में श्री महावीर आयुर्वेद औषधालय की स्थापना कर पीड़ा मानवता की सेवा का कार्य प्रारंभ किया था यह प्रसन्नता का विषय है इस सेवा कार्य की निरंतरता को वर्ष 2023ई में सौ वर्ष पूर्ण हो जायेंगे।

इस चिकित्सा सेवा यात्रा के क्रम में वैद्य महावीर प्रसाद शर्मा, वैद्य जनार्दन प्रसाद शर्मा, वैद्य चन्द्रकांत गौतम, वैद्य रवीन्द्र गौतम डॉ प्रद्युम्न गौतम सतत संलग्न रहे हैं।
वैद्य पंडित परिवार चिराणा के मानद सदस्य देश प्रदेश की सेवा में संलग्न रहें हैं वैद्य श्री जगदीश नारायण शर्मा रामनगर (बिहार) वैद्य श्री मदन लाल जी शर्मा मालपुरा टोंक, वैद्य श्री अशोक कुमार जी शर्मा मालपुरा (टोंक)
आज से सत्रह वर्ष पूर्व वैद्यराज पंडित राम प्रताप जी शर्मा साहब के पौत्र वैद्य रवीन्द्र गौतम चिराणा ने जयपुर नगर के झोटवाडा क्षेत्र के काँटा चौराहा पर परम पूज्य राघवाचार्य जी महाराज रेवासा पिठाधिश्वर के कर कमलों से श्री महावीर आयुर्वेद चिकित्सालय की स्थापना की इस अवसर पर पूज्य अवधेशाचार्य जी महाराज गलतापीठाचार्य , माननीय हस्तीमल जी हरिण, प्रसिद्ध मनोचिकित्सक डाॅ. शिव गौतम जी , सी.ए. योगेश कुमार गौतम जी , श्रीमती मंजू शर्मा जी पार्षद झोटवाडा- क्षेत्र एवं अनेक गणमान्यो की उपस्थिति में श्री महावीर आयुर्वेद चिकित्सालय का श्री गणेश हुआ था।

वर्तमान समय श्री महावीर आयुर्वेद चिकित्सालय जयपुर विशुद्ध आयुर्वेद चिकित्सा के क्षेत्र में जयपुर नगर के नागरिकों की आयुर्वेद चिकित्सा सेवा की दृष्टि से विशिष्ट पहचान रखता है।
गुणवत्ता युक्त औषधियो के लिए दूर दूर से जन सामान्य यहाँ पहुचते है।

वर्तमान समय में यहाँ पर सेवा के लिए डाॅ. प्रद्युम्न गौतम चिराणा, डॉ राधा गौतम, प्रखर गौतम एवं पवन कुमार निरंतर सेवारत है।

वैद्य चन्द्रकांत गौतम ने बताया कि श्री भगवान धन्तन्तरी जी आज के दिन ही कार्तिक मास कृष्ण पक्ष त्रयोदशी तिथि को समुद्र मंथन से प्रगट हुए थे।
विश्व के प्रथम चिकित्सक भगवान धन्तन्तरी जी आयुर्वेद विज्ञान को धरणी धरा पर पीड़ा मानवता के कल्याण के लिए लाये थे।

हम सभी के पिछले दिनों देखा कि संक्रामक रोग कोरोना के भयानक काल चक्र में आयुर्वेद चिकित्सा विज्ञान के निर्देशों के अनुसार क्वाथ चिकित्सा एवं रोग प्रतिरोधक क्षमता बढाने वाले प्रयोगों के माध्यम से देश प्रदेश में तथा विदेशों में भी बहुत बडी मात्रा में जनता जनार्दन ने आयुर्वेद की जीवन रक्षक औषधियों का प्रयोग कर जीवन जीवन रक्षा की है।

लाईलाज संक्रामक रोगों के भय के कारण सम्पूर्ण विश्व भारत वर्ष के आयुर्वेद विज्ञान एवं योग विज्ञान की और ताक रहा है।
पिछले दिनों गो वंश में भी लंम्पी वायरस संकट का भयानक संकट आ जाने पर भी आयुर्वेद चिकित्सा विज्ञान के जीवन रक्षक औषधिय प्रयोगों से गो वंश को बहुत लाभ मिला है।

वर्तमान में सम्पूर्ण विश्व आयुर्वेद की और ताक रहा है ऐसे में आयुर्वेद चिकित्सा विशेषज्ञों का नूतन शोध एवं विशिष्ट सेवा की दृष्टि से अधिक दायित्व बढ जाता है।
इस अवसर पर श्री महावीर आयुर्वेद चिकित्सालय एवं वैद्यनाथन परिवार के सौजन्य से आयुर्वेद चिकित्सा के क्षेत्र में विशिष्ट चिकित्सा सेवा करने वाले विद्वान चिकित्सकों को वैद्य चन्द्रकांत गौतम एवं वैद्यनाथन आयुर्वेद भवन प्रा लि के प्रतिनिधि रोहिताश शर्मा के कर कमलों से सदैव की परंपरा के अनुसार आयुर्वेदज्ञो को सम्मानित किया गया।

धन्वन्तरी सम्मान से सम्मानित हुए आयुर्वेद चिकित्साधिकारी
वैद्य कैलाश शर्मा-गोरीर (खेतडी),वैद्य श्यामलाल सुरोलिया,वैद्य सत्यनारायण शर्मा,
वैद्य रूपकिशोर शर्मा,वैद्य रामदेव जी,वैद्य योगराज शर्मा, वैद्य रवीन्द्र गौतम,
वैद्य राधामोहन खांडल
,वैद्य देवेंद्र शर्मा,वैद्य प्रमोद दत्त शर्मा,वैद्या शकुंतला शर्मा,वैद्य पवन नरेश शर्मा,वैद्य अनिल यादव,
वैद्य भैरव प्रसाद शर्मा,
वैद्य जगदीश कुमावत,
वैद्य ओम प्रकाश महर्षि,
वैद्य रमाकांत भारद्वाज,
वैद्य किशन कपूर, आदि चिकित्साधिकारीयो को सम्मानित किया गया।

इस अवसर पर कार्यक्रम का संचालन ईश गौतम एवं प्रखर गौतम ने किया। प्रद्युम्न गौतम चिराणा ने सभी का आभार व्यक्त किया।भगवान धन्तन्तरी जी के प्रसाद वितरण के साथ ही कार्यक्रम पूर्ण हुआ।

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