May 2, 2024

नारेहडा:(संजय कुमार जोशी) नारेहडा सहित आसपास के क्षेत्र में पिछले 3 दिन से हो रही बारिश से खेतों में पकी हुई फसल के खराब होने से किसानों के चेहरों की मायूसी छाई हुई है। इस बार बाजरे की बम्पर पैदावर होने की उम्मीद में किसानों के चेहरे खिले हुए थे, लेकिन फसल कटाई के एनवक्त पर हुई बारिश ने अन्नदाता की उम्मीदों पर पानी फेर दिया। बाजरे की तैयार फसल को किसानों ने काटना शुरू कर दिया था, खेतों में पसरी पकी हुई फसल के खराब होने से किसानों के चेहरों की रौनक गायब हो गई है। मेहनत पर पानी फिरने से किसान मायूस हैं। बारिश से खराब होती फसल को बचाने के लिए किसान के पास कोई रास्ता नहीं बचा है।

जिलेभर में बारिश होने से बाजरे की फसल में 50 प्रतिशत से ज्यादा खराबा बताया जा रहा है, हालांकि कृषि विभाग अभी इससे मानने को तैयार नहीं है। क्षेत्र में पिछले 3 दिन से रूक-रूककर बारिश हो रही है। इससे खेतों में पड़ी बाजरे के सिरे में ही दाने अंकुरित होने शुरू हो गए हैं तथा मवेशियों के चारे में काम आने वाली कड़बी गलकर खराब होने के कगार पर पहुंच गई है। बाजरे की पकी हुई फसल खुले में बारिश से भीगने से चारा व दाने की गुणवत्ता खराब हो गई है। जिसके बाजार भाव कम मिलने से किसानों को भारी नुकसान उठाना पड़ेगा। ऐसे में किसान अब मुआवजे की मांग कर रहे हैं।

फसल में 30% तक खराब-

नारेहडा कृषि पर्यवेक्षक रमेश चंद मीणा ने बताया की फसल में 25 -30 प्रतिशत तक खराबा हुआ है। जिस किसानों ने केसीसी कार्ड व फसल बीमा करवा रखा है वो टोल फ्री नंबर 18001024088 पर शिकायत करे, उसके 72 घंटे बाद सर्वे टीम आती हैं। सर्वे टीम द्वारा सर्वे करने के उपरान्त मुआवजा राशि तय की जाती हैं।

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