May 9, 2024

कुल्फी,फलुदा का नाम सुनते ही मुंह में पानी आ जाता है। आए भी क्यों न! आखिर पंजाबी फलुदा, केसर कुल्फी इतनी टेस्टी जो होती है। फिर जब इतनी गर्मी हो, तो कुल्फी,फलुदा का मजा दोगुना हो जाता है.

आइसक्रीम, पंजाबी फलुदा पसंद करने वालों को हम बता रहे हैं राजस्थान के गंगापुर में फलुदा ओर कुल्फी की एक खास दुकान के बारे में जहां का स्वाद आपका दिन बना देगा…

आइसक्रीम, पंजाबी फलुदा के चाहने वालों के लिए ये जगह खास है.2015 में केसर कुल्फी,और फलुदा के साथ शुरू होने वाली इस दुकान में आज अच्छी क्वॉलिटी की कई फ्लेवर वाली आइसक्रीम, शेक,और ख़ास फलुदा मिलता हैं.यहां की आइसक्रीम अपने फ्रेश टेस्ट के लिए जानी जाती हैै. खास बात यह है कि ये किफायती भी है.

गंगापुर रोडवेज बस स्टैण्ड के पास में आइसक्रीम-फलूदे का एक ठिकाना दूर-दूर तक मशहूर है. महावीर आइसक्रीम के संचालक “लादूदासजी, मुरली दास जी, प्रहलाद जी ओर महावीर” लोगो को धड़ाधड़ ठंडी-ठंडी, कूल-कूल आइसक्रीम, पंजाबी फलुदा का मजा चखा रहे है .यह दुकान इतनी मशहूर है कि यहां हर पल आइसक्रीम-फलूदा.खाने वालो की भिड़ हमेशा रहती है यहाँ आकर आप केसर-पिस्ता आइसक्रीम, रॉयल फलुदा विद आइसक्रीम ,चॉकलेट टॉप, स्पेशल रबड़ी फलूदा ,मिल्क-बादाम शेक के शौक़ीन अपना शौक पूरा कर सकते हैं.गिलास में सर्व रबड़ी-फलूदा भी है, लेकिन आइसक्रीम पंजाबी-फलुदा से ही इनकी पहचान है.

गंगापुर राजस्थान में जैसे-जैसे पारा बढ़ता जा रहा है वैसे ही चिलचिलाती धूप लोगों को सताने लगी है. गर्मी के दिनों में आइसक्रीम की ठंडक लोगों को बहुत आकर्षित कर रही है. गंगापुर की मशहूर आइसक्रीम पंजाबी-फलुदा की दुकान, महावीर आइसक्रीम के संचालक प्रहलाद जी और महावीर जी” से बातचीत की तो उन्होंने बताया कि इस कुल्फी की दुकान की शुरुवात क़रीब 30 साल पहले कोलापुर, कर्नाटक में एक छोटी सी स्टाल लगाकर काम की शुरुवात की थी.

जिसके बाद अपने गांव अपने शहर गंगापुर में आने की सोची और यहां आकर करीब 7 साल पहले उन्होंने उसी काम की शुरुआत करते हुए एक छोटी सी स्टॉल लगाकर महावीर आइसक्रीम की शुरुआत की.

इनकी आइसक्रीम, पंजाबी-फलुदा की शोहरत दूर-दूर तक है. कई दशकों का अनुभव इनकी आइसक्रीम -फलुदा में साफ नजर आता है. कुछ खास तरह की आइसक्रीम ने यहां अपना रंग जमा रखा है.समय के साथ जैसे-जैसे व्यापार बढ़ता गया, वैसे-वैसे आइसक्रीम ने भी अपने रंग बदले और समय को देखते हुए इसमें किस्में जुड़ती गईं.लकिन कवालिटी को लेकर उन्होंने कभी कोई समझौता नहीं किया. दूध से लेकर फलों तक सभी चीजों को जांचने-परखने के बाद ही उनका इस्तेमाल किया जाता है.

प्रहलाद जी का दावा है कि आइसक्रीम का जो टेस्ट पहले था, वही आज भी बरकरार है.वे बताते हैं कि आइसक्रीम बनाने का तरीका आज भी उन्होंने पुराने स्टाइल का ही रखा है.बारह महीने यह सिलसिला चलता रहता है.

तहलका.न्यूज

कमल शर्मा