नारेहड़ा (संजय कुमार जोशी)- नारेहडा के गोगाजी मंदिर में हरवर्ष की भांति इस वर्ष भी तीन दिवसीय मेला शनिवार से शुरू होगा। मेले की पूर्व संध्या पर ग्रामीणों ने मशाल जलाकर सत्संग किया। मेले में श्रद्धालु गोगा बाबा का पूजन कर खीर हलवे का भोग लगायेगे। मेले के दौरान मेला परिसर में एक बडा ढोल रखा जायेगा श्रद्धालु जिसको बजाकर गोगाजी के चरणों में अपनी उपस्थिति दर्ज करेंगे।
यह है इतिहास-
सरपंच प्रतिनिधि संतू सिंह तंवर, ओमसिंह, जगदिश गुरुजी ने बताया कि गोगाजी सर्पों के देवता व गौरक्षक थे। वर्ष 1395 में नाहरसिंह ने नारहेडा गांव को बसाया था। बताया जाता है कि नाहरसिंह की सातवीं पीढ़ी में लक्ष्मीदास पैदा हुए, जिन्होंने अपनी मनोकामना पूरी होने पर गोगामेडी हनुमानगढ़ गोगाजी के दर्शन के लिए पदैल गए थे। वापसी में उन्होंने वहां की ईंट लाकर इस स्थान पर स्थापित कर दी थी। तब से लेकर इस मंदिर की स्थापना के उपलक्ष में गोगाजी महाराज का प्रतिवर्ष मेला भरता आ रहा है।