November 24, 2024
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अजमेर(गजेंद्र कुमार) मादक द्रव्यों का उपयोग घटाने के लिए जिला स्तरीय कार्यशाला का आयोजन गुरूवार को जिला परिषद सभागार में किया गया। इसकी अध्यक्षता जिला कलक्टर श्री अंश दीप ने की।
जिला कलक्टर श्री अंश दीप ने कहा कि अजमेर जिले में नशे का उपयोग कम करने के लिए विभिन्न क्षेत्रों में गतिविधियां चलाई जाएगी। इसके लिए 5 स्तरीय कार्ययोजना बनाकर कार्य किया जाएगा।

शिक्षा-सूचना, उत्साहवर्धन, नशे की मात्रा में कटौती, प्रवर्तन एवं उपचार को केन्द्र में रखकर कार्य किया जाएगा। इसके अंतर्गत स्थानीय के साथ-साथ बाहरी व्यक्तियों को भी नशे से दूर करने के लिए आवश्यक कदम उठाए जाएंगे।

जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के सचिव श्री रामलाल जाट ने कहा कि नशा वर्तमान में एक अन्तर्राष्ट्रीय समस्या बन गया है। दूरदराज के ग्रामीण क्षेत्रों में भी नशे की प्रवृति का पाया जाना चिन्तनीय है। नशे को भारतीय परम्परा में नाश की जड़ कहा जाता है। कई देश विरोधी देशों को नुकसान पहुंचाने के लिए नशीले पदार्थों का इस्तेमाल करते है। उनके द्वारा शत्राु देशों में नशे की खेप भेजी जाती है। इसे रोकना मानवता के लिए आवश्यक है।

उन्होंने कहा कि सरकार के विभिन्न विभागों को भी आपसी समन्वय के साथ कार्य करना चाहिए। जिला प्रशासन, नारकोटिस्ट विभाग, पुलिस प्रशासन, स्वंयसेवी संस्थाओं को सम्मिलित प्रयासों से नशा रोकना चाहिए। ड्रग्स एवं काॅस्मेटिक एक्ट के इस्तगासे पूर्ण तथ्यों के साथ पेश होने की स्थिति में अपराधियों को दण्ड दिलाने में अधिक प्रभावकारी सिद्ध होते हैं। नशीले पदार्थों के पेडलर को देशद्रोही माना जाना चाहिए। पुलिस विभाग को नशे की खेप का स्त्रोत पता लगाने में गंभीरता से कार्य करना चाहिए।

उन्होंने कहा कि नशे की प्रवृति अनुसरण से बढती है। व्यक्ति गलत संगत में पड़कर राह भटक जाता है। युवाओं को सही संगत में प्रदान कर नशे से बचाने का कार्य किया जा सकता है। सामाजिक एवं धार्मिक स्तर पर भी नशे की रोकथाम के लिए प्रयास किए जाने चाहिए। इस स्तर पर किए गए प्रयास अपेक्षाकृत अच्छे परिणाम देते हैं। अपने-अपने कार्यक्षेत्रा में नशे को रोकने के लिए प्रत्येक व्यक्ति को कार्य करना चाहिए।

सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग के उप निदेशक श्री प्रफुल्ल कुमार चैबीसा ने बताया कि मादक द्रव्यों का उपयोग घटाने से संबंधित कार्यशाला में पोस्टर के साथ-साथ नशा मुक्ति सेल्फी पेाईन्ट का विमोचन भी किया गया। नशे के विरूद्ध संकल्प के हस्ताक्षर अभियान का शुभारम्भ कर युवाओं को संकल्प लेने के लिए प्रेरित किया गया। कार्यशाला में अपना थियेटर संस्था द्वारा तैयार किए गए वीडियो डेथ सर्टिफिकेट, टीका एवं फेस एप को भी जारी किया गया। इन वीडियो की सृजनात्मकता की सभी ने सराहना की।

उन्होंने बताया कि कार्यशाला में जिला तम्बाकू नियंत्राण अधिकारी डाॅ. पुनिता जैफ ने कोटपा एक्ट की विभिन्न धाराओं एवं प्रावधानों के बारे में जानकारी प्रदान की। आमजन को पेसिव स्मोकिंग के खतरों के प्रति जागरूक किया। मनोचिकित्सक डाॅ. प्रेम प्रकाश ने नशे के मानसिक प्रभावों की जानकारी दी। नशा बंद करने पर भी विड्राॅल सिम्पटम्स को रोकने के लिए नशे की ओर जाना ज्यादा घातक है। नशा एक बीमारी है। इस पर वातावरण, संगत एवं विचारों का प्रभाव पड़ता है। इससे अंगों का निष्क्रिय होना, हार्मोनल असंतुलन, कैंसर, मातृत्व संबंधी समस्याएं, पाचन रोग, डिप्रेसन, एनाक्सी, स्मृतिह्नास, गुस्सैल एवं शक्की स्वभाव, पारिवारिक झगड़े, तनाव एवं आर्थिक अवनति जैसे दुष्परिणाम सामने आते हैं। परिवार के सहयोग तथा आध्यात्मिक एवं धार्मिक वातावरण से नशा मुक्त जीवन जीया जा सकता है।

उन्होंने बताया कि नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो की इंटेलीजेंस आॅफिसर श्रीमती फरहत ने ब्यूरो की कार्यप्रणाली एवं प्रावधानों के बारे में जानकारी दी। कार्यशाला में नशे से ग्रसित व्यक्तियों के जीवन में सुधार लाने के लिए पुनर्वास तथा नशा मुक्ति केन्द्र खोले जाने की आवश्यकता बताई गई। नशे को ना करना सीखना जरूरी है।

इस अवसर पर जिला बाल संरक्षण ईकाई की सहायक निदेशक श्रीमति रूचि मौर्य, अपना थियेटर के अध्यक्ष श्री राजेन्द्र सिंह, सचिव श्री यू.बी. जोर्ज एवं उनकी टीम, सामाजिक सुरक्षा अधिकारी पीसांगन श्री विनीत चैधरी उपस्थित थे। मंच संचालन श्री प्रियेश प्रदान ने किया।

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