जयपुर 5 दिसम्बर:- कोटा ग्रामीण जिले की रामगंज मंडी पुलिस ने बुधवार को अवैध मादक पदार्थ तस्करों के विरुद्ध विशेष कार्रवाई करते हुए अंतरराज्यीय तस्कर त्रिलोकचंद मेहर (35), परवेज (56) व सरफराज (34) निवासी भवानीमंडी को 9 किलो अफीम सहित गिरफ्तार कर तस्करी में प्रयुक्त स्विफ्ट डिजायर कार जब्त की है. जिला पुलिस की 15 साल की सबसे बड़ी कार्रवाई है.
कोटा ग्रामीण एसपी श्री राजन दुष्यंत ने बताया कि कोटा ग्रामीण जिले में विगत 1 माह से अवैध मादक पदार्थ एवं हथियारों की तस्करी की धरपकड़ हेतु संभावित स्थानों पर बदल-बदल कर नाकाबंदी की जा रही है. बुधवार को एएसपी पारस जैन के निर्देशन व सीओ मनजीत सिंह के सुपर विजन तथा थानाधिकारी श्री धर्मेंद्र शर्मा के नेतृत्व में थाना रामगंज मंडी पुलिस ने गोयंदा रोड हनुमान मंदिर के पास विशेष कार्रवाई की है.
प्राइवेट एजेंसी की तरह ऑर्डर पर पंजाब भेजा जाता था माल
तस्करों ने पूछताछ में बताया कि पंजाब हरियाणा चंडीगढ़ सहित अन्य राज्यों से अफीम के आर्डर प्राप्त कर ऑर्डर की मात्रा के अनुसार अफीम मध्य प्रदेश से खरीदकर कार से पिछले कई महीनों से सप्लाई की जा रही थी. पंजाब जालंधर के पास पट्टी गांव में जाकर ये रुकते थे. जिन जिन लोगों को माल सप्लाई करनी होती थी वे सब वहीं आकर माल ले जाते थे.
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अंतर्राष्ट्रीय कीमत एवं 1 किलो अफीम में ₹1 लाख कमाते थे
बरामद अफीम की अंतरराष्ट्रीय बाजार में कीमत ₹90 लाख के लगभग है। पूछताछ में तस्करों ने बताया कि 1 किलो अफीम में करीब ₹ 1 लाख कमाते थे।
गाड़ी में गुप्त जगह बना रखी थी
पुलिस की कार्रवाई से बचने के लिए इन लोगों ने अपने स्विफ्ट कार में दोनों गेट के नीचे के हिस्से को काटकर बॉक्स बना रखा था उसमें माल भरकर वेल्डिंग कर देते थे और वापस रबड़ लगा देते थे। विशेष आउटपुट नहीं हो तो पुलिस चेकिंग में गाड़ी में माल मिलना मुश्किल होता है।
पुलिसकर्मी को लेकर चलते थे पूछताछ में सामने आया कि वे प्रत्येक चक्कर में अपना रास्ता बदल कर जाते थे। भवानी मंडी से निकलने के बाद मुख्य रास्तों से बचते हुए राष्ट्रीय राजमार्ग पर आते थे। ये लोग हमेशा हाईवे पर ऐसे पुलिसकर्मी जो साधन का इंतजार करते थे उनको लिफ्ट देकर गाड़ी में बैठा लेते ताकि नाकाबंदी एवं चेकिंग में गाड़ी की विशेष चेकिंग नहीं हो।
धार्मिक प्रवृत्ति का दर्शाते थे सबको
तीनों तस्कर शातिर किस्म के अपराधी हैं जो पहचान नहीं हो इसके लिए प्रत्येक चक्कर में अपना हुलिया बदल लेते थे। अपने आप को वेशभूषा, बोलचाल तथा रहन-सहन से धार्मिक प्रवति का प्रकट करते ताकि आमजन एवं पुलिस को पर शक ना हो। होटल व सराय में नहीं रुकते थे सोने के लिए गाड़ी का ही उपयोग करते थे। सोशल मीडिया एवं एंड्राइड मोबाइल का उपयोग नहीं करते हैं ताकि लोकेशन आसानी से ट्रेस नहीं हो सके।