जयपुर:- किसी शहर की कानून व्यवस्था वहां की सुख समृद्धि की निशानी होती है जैसा की राजस्थान पुलिस का ध्येय वाक्य है. ”आम जन में विश्वास अपराधियों में डर” लेकिन राजस्थान पुलिस का यह ध्येय वाक्य खोकला नजर आता है अगर समाज में अपराधी खले आम घूमता है और आम नागरिक अपराधी के डर से अपने घर में छुपने को मजबूर होता है तो पुलिस के इकबाले बुलंद होने पर कई सवालिया निशान खड़े होने लाजमि हो जाते है. पुलिस थाना करधनी पर अपने दो बेटों के साथ बैठी सुमन कंवर पुलिस से इंसाफ की गुहार लेकर हर रोज थाने पर अधिकारियो से गिङगिङाने को मजबूर है.
न्यू फ्रेंड्स कॉलोनी गोपाल पूरा में रहने वाली सुमन कंवर के आंसू 2- 10- 2018 को हुई वारदात को याद कर सेहर उठती है जब फ्रेंड कॉलोनी निवासी विजेन्द सिंह, विक्रम सिंह, सुरेन्द सिंह उर्फ़ सनी, कर्ण सिंह और सुभम सिंह इनोवा गाड़ी से इनके पति बलवीर सिंह राठोड को इनोवा गाड़ी से कुचल कर मारने कई कोशिश कई घटना के दौरान बलवीर सिंह अपने घर के पास एक मंदिर पर बैठे थे इस दौरान पहले हुई कहा सुनी को लेकर रंजिशन अपराधियों ने इनोवा गाड़ी से कुचल ने की कोशिश की जिसमे बलवीर सिंह के सिर में 15 टांके आये और उनके दोनों पांव में फेक्चर हो गए इस दौरान बलवीर सिंह और तीन साल की पोति के भी सिर और शरीर में भी चोटे आई. वारदात को 2 माह बीत जाने पर भी नामजद अपराधियों को गिरफ्तार करने का साहस पुलिस नहीं दिखा पाये. थाने से लेकर एस पी ऑफिस तक सुमन कंवर के बेटे महेन्द सिंह ने अपनी नाक रगड़ी लेकिन पुलिस थी की वो अपराधियों के गिरे बान में हाथ नहीं डाल सकी पुलिस की क्या यही कार्यप्रणाली है जिस पर कई सवालिया निशान खड़े होते है.
इस खबर को जब तहलका डॉट न्यूज़ की जानकारी में लाया गया और अधिकारियों से इस वारदात के बाबत वात की तो पुलिस अधिकारियों को जवाब देते नहीं बना तहलका डॉट न्यूज़ सामजिक सरोकार के चलते अपना हर समाजिक कर्त्तव्य निभाने को कटिवद्ध है इसी का परिणाम है की पुलिस ने नामजद बिज्जू गरिया अपराधी को गिरफ्तार कर लिया लेकिन अभी भी कई अपराधी पुलिस गिरफ्त से दूर है आशा है की पुलिस अपने निकम्मे पन की चादर को हटाकर बाकी बचे अपराधियों को भी जल्द गिरफ्तारी कर पीड़तों को न्याय दिलाएगी और अपने ध्येय वाक्य को सार्थक करेगी.
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