जयपुर(जे.पी शर्मा)- राजस्थान अपनी कला-संस्कृति के साथ अपने अनोखे और ऐतिहासिक मंदिरों के लिए भी जाना जाता है। ऐसा ही एक मंदिर राजधानी जयपुर के पास पहाड़ियों के बीच मे प्रकृति की गोद में बसा सामोद स्थित मालेश्वर महादेव मंदिर।
इस मंदिर में एक अनूठा शिवलिंग है जो हर 6 महीने में दिशा बदलता है। मंदिर में विराजमान शिवलिंग सूर्य की दिशा के अनुरूप चलने लिए विख्यात है।
सूर्य के हिसाब से दिशा में झुक जाता है शिवलिंग
मालेश्वर महादेव मंदिर में विराजमान ये शिवलिंग हर छह माह में सूर्य के हिसाब से दिशा में झुक जाता है। सूर्य हर वर्ष छह माह में उत्तरायण और दक्षिणायन दिशा की ओर अग्रसर होता रहता है। उसी तरह यह शिवलिंग भी सूर्य की दिशा में झुक जाता है। अपने इस चमत्कार के कारण यह देश में अनूठा शिव मंदिर है।
यह मनोरम स्थान जयपुर से लगभग चालीस किलोमीटर दूर है। यह मंदिर सैंकड़ों साल पुराना है। मंदिर के चारों तरफ प्रकृति मेहरबान है। बारिश में बहते प्राकृतिक झरने, पानी के कुंड, आसपास प्राचीन खंडहर इस स्थान को और भी दर्शनीय बनाते हैं। यहां हर दिन श्रद्दालुओं का तांता लगा रहता है।
मंदिर के महंत महेश व्यास ने बताया कि ये मंदिर सैकड़ों साल पुराना है। तीन तरफ पत्थर के पहाड़ जहाँ प्राकृतिक झरना तीव्र गति से बहते हैं। यहाँ पर दूर दराज से भक्त दर्शन करने आते है। सामोद स्थित मालेश्वर महादेव मंदिर की प्राकृतिक सुंदरता के चलते यह स्थान पर्यटन स्थल के रूप में काफी प्रसिद्ध है। इस गांव में कई फिल्मों की शूटिंग हो चुकी है।
यहाँ के पुजारी समेत अन्य लोग भी यहाँ चमत्कार को अपनी आँखों से देखने का दावा करते हैं जो कि अपने आप में इस स्थान और इस मंदिर की पवित्रता और महत्त्व को दर्शाता है।साथ ही ऐसा बताया जाता है कि यहाँ मौजूद शिवलिंग एक स्वयंभू शिवलिंग है और इसीलिए महादेव के दर्शनों के लिए खास तौर पर सावन महीने में दूर-दूर से हज़ारों भक्त हर दिन यहाँ आते हैं।
आपको बता दें कि मंदिर की व्यवस्था सुचारू रखने में शुभम व्यास व कार्तिक व्यास की भूमिका अहम होती है। मंदिर भजन व रामधुनी से गुंजायमान रहता है रामधुनी गोपाल, ओमप्रकाश पटवा, प्रियांशु पाराशर , मनोज प्रजापत व अन्य के द्वारा की जाती है। प्रदोष पर हजारों भक्त दर्शन करने आते हैं। जिनमें मुख्य रूप से डॉ हेमन्त शर्मा, जगदीश सोनी, संजीव कुमार, राकेश शर्मा , रमेश बाबा, गिरधारी लाल जांगिड़ सहित सैकड़ो भक्त भाग लेते है।
जैसा कि हमने आपको बताया की यह जगह जयपुर से सिर्फ 40 किलोमीटर दूर स्थित है। तो आप देश के किसी भी हिस्से से हवाई, रेल या फिर सड़क मार्ग से आसानी से जयपुर पहुँच सकते हैं और फिर आपको जयपुर से सीकर रोड होते हुए चौमूं पहुंचना होगा। जिसके लिए आप चाहें तो बस से जा सकते हैं या फिर टैक्सी वगैरह से भी आसानी से आप जयपुर से चौमूं पहुँच सकते हैं। फिर वहां से करीब 13 किलोमीटर दूर महारकलां गाँव के बस स्टैंड तक आप चाहें तो बस या फिर टैक्सी वगैरह से पहुँच सकते हैं। महारकलां बस स्टॉप से मालेश्वर महादेव की दूरी सिर्फ 1 किलोमीटर है जहाँ आप अगर टैक्सी या अपने वाहन से आएं है तो मंदिर तक टैक्सी या अपने वाहन से जा सकते हैं या फिर करीब 1 किलोमीटर आप पैदल ही जा सकते हैं।
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