पीएचईडी विभाग ने शहरी जल प्रदाय योजना के तहत दी मंजुरी
मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कोटपूतली रैली में की थी घोषणा
कोटपूतली( संजय जोशी/मनोज पंडित)
जन स्वास्थ्य एवं अभियांत्रिकी विभाग (पीएचईडी) द्वारा कोटपूतली कस्बे में पेयजल योजनाओं के लिए 10 करोड़ रूपयों की राशि जारी करते हुए वित्तीय एवं प्रशासनिक स्वीकृति दी गई है।
उल्लेखनीय है कि विगत 21 मई को कोटपूतली के दौरे पर आये मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने रैली के दौरान उक्त घोषणा की थी। जिसके बाद क्षेत्रीय विधायक, उच्च शिक्षा व गृह राज्यमंत्री राजेन्द्र सिंह यादव के लगातार प्रयासों से विभाग ने शहरी जल प्रदाय योजना के तहत उक्त राशि जारी की है। इस सम्बंध में जन स्वास्थ्य एवं अभियांत्रिकी व भूजल विभाग की राजस्थान जल प्रदाय एवं सीवरेज प्रबंधन मंडल (आरडब्ल्यूएसएसएमबी) की वित्तीय समिति की बैठक अतिरिक्त मुख्य सचिव डॉ. सुबोध अग्रवाल की अध्यक्षता में आयोजित हुई। जिसमें राज्य सरकार की बजट घोषणाओं के तहत कोटपूतली में सुचारू पेयजल व्यवस्था के लिए कस्बे की विभिन्न योजनाओं के लिए यह राशि जारी की गई है।
उक्त राशि जारी होने पर गृह राज्यमंत्री यादव ने मुख्यमंत्री अशोक गहलोत व पीएचईडी मंत्री डॉ. महेश जोशी का आभार व्यक्त करते हुए कहा कि इससे कस्बावासियों को स्वच्छ पेयजल उपलब्ध करवाया जा सकेगा। हाल ही में कोटपूतली नगर पालिका को नगर परिषद में क्रमोन्नत किया गया है। कस्बे में निरन्तर बढ़ती आबादी के दबाव के चलते प्रत्येक घर तक पीने का स्वच्छ पेयजल उपलब्ध करवाना एक बड़ी चुनौती है। विशेषकर गर्मियों के मौसम में कोटपूतली में पेयजल संकट गहरा जाता है। उक्त राशि से शुरू होने वाली पेयजल योजनाओं से कस्बावासियों को गंभीर पेयजल संकट से निजात मिलेगी। साथ ही प्रत्येक घर तक स्वच्छ व स्वस्थ पानी पहुँचाने का संकल्प पूरा किया जा सकेगा।
निम्न योजनाओं का होगा निर्माण :- राज्यमंत्री के निजी सचिव सतीश शर्मा ने जानकारी देते हु़ए बताया कि उक्त राशि से कस्बे में 13 ट्युबवैल बनाई जायेगी। वहीं विभिन्न वार्डो एवं ईलाकों में 22 किमी पेयजल पाईप लाईनें बिछाई जा सकेगी। इसके अलावा 200 किलो लीटर व 150 किलो लीटर क्षमता के 2 उच्च जलाशयों का निर्माण मय पम्प हाऊस कस्बे में राजमार्ग के दोनों ओर होगा। जिससे सुबह व शाम के वक्त निर्बाध पेयजल आपूर्ति सुनिश्चित की जा सकेगी। वहीं पेयजल संग्रहण के लिए क्रमश: 600 किलो लीटर, 550 किलो लीटर व 400 किलो लीटर की तीन पेयजल टंकी (स्वच्छ जलाशय) भी बनाई जायेगी। ताकि गर्मियों के मौसम में पेयजल संकट से निपटा जा सके।