मुख्य सचिव समेत विभिन्न प्रशासनिक अधिकारियों को ज्ञापन भेजकर की कार्यवाही की माँग
कोटपूतली:(संजय कुमार जोशी)
निकटवर्ती ग्राम पांछूडाला में आगामी 29 अगस्त को वनभूमि व पहाड़ी ऊपर भैरव बाबा के होने वाले भंडारे को लेकर सामाजिक कार्यकर्ता लालचंद मीणा ने बताया कि विगत कोरोना काल में लॉकडाउन के दौरान विशाल भंडारे के नाम पर कुछ लोगों द्वारा धारा 144 का उल्लंघन करते हुए भंडारे का आयोजन किया जाना था।
जिसकी उपखण्ड पावटा पर शिकायत दिए जाने के बाद इस मामले पर एसडीएम राजवीर सिंह यादव ने पटवारी व वन विभाग के कर्मचारियों को मौके पर भेजकर इन लोगों को पाबंद करवाया था। ऐसे में उस समय यह कार्यक्रम निरस्त कर दिया गया था। लेकिन पुन: लोगों से अवैध तरीके से धनराशि एकत्रित की जा रही है।
ऐसे में राज्यपाल, मुख्य सचिव, संभागीय आयुक्त, जिला कलेक्टर, पुलिस महानिदेशक, पुलिस महानिरीक्षक, पुलिस अधीक्षक जयपुर ग्रामीण, उपखंड अधिकारी पावटा, उप पुलिस अधीक्षक कोटपूतली, थानाधिकारी प्रागपुरा, मुख्य वन संरक्षक, उपवन संरक्षक आदि को ज्ञापन भेजकर उक्त कार्यक्रम को रद्द करवाने की मांग की गई है। ज्ञापन में बताया गया है कि वन भूमि के अंदर स्थानीय ग्राम वन सुरक्षा प्रबंधक समिति क्रम संख्या 160 के मुख्य सरगना रघुवीर पुत्र रामकरण, धोलाराम पुत्र सुरजाराम एवं अन्य रामकरण गुर्जर पुत्र घीसाराम, कमलेश कुमार पुत्र रामकरण, धुड़ाराम पुत्र छोटूराम, महेश पुत्र भोलाराम, जयमल पुत्र छोटूराम, रामस्वरूप पुत्र छोटूराम, लाखाराम पुत्र पालाराम आदि लोगों का एक गिरोह है।
क्षेत्र में किसी व्यक्ति के साथ कोई अप्रिय घटना या बीमारी से असहाय की मृत्यु होती हैं तो इसे भैरव का प्रकोप बताकर जनता में प्रचार प्रसार कर लोगों को गुमराह कर भयभीत किया जाता हैं। विगत 4-5 वर्षों से ये लोग धार्मिक आस्था व धर्म के नाम पर असंवैधानिक रुप से लोगों से रुपये इकट्टा कर रहे हैं, इनके पास जमा इस राशि का कोई लेखा जोखा नहीं हैं। एकत्रित कि जा रही धन राशि से ये लोग मांस मंदिरा का सेवन कर समाज में षड्यंत्र के तहत लोगों में नशे की लत को बढ़ावा दे रहे हैं तथा स्वयं के गिरोह को मजबूत बना रहे हैं।
ग्राम के जागरुक लोगों द्वारा इनका विरोध किये जाने पर ये लोग धमकी भरी चुनौती देते है तथा धार्मिक आस्था व धर्म के नाम पर ये प्राकृतिक वन संपदा को भी खुर्द बुर्द करने पर आमदा हैं। लालचंद मीणा का कहना है कि असामाजिक तत्वों के रुप में लगातार सक्रिय होकर बढ़ रहे उक्त गिरोह के सम्पूर्ण लोगों को प्रतिबंधित कर इनसे असंवैधानिक रुप से जुटाई गई धनराशि का सम्पूर्ण ब्यौरा लिया जायें तथा प्राकृतिक वन संपदा को खुर्द बुर्द होने से बचाया जाए व इसे अंजाम दे रहे लोगों पर सख्त कार्यवाही की जायें।
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