May 2, 2024

अजमेर:(गजेंद्र कुमार) जिला विधिक सेवा प्राधिकरण (जिला एवं सेशन न्यायाधीश), मदनलाल भाटी की अध्यक्षता में न्यायिक अधिकारियों एवं जिला प्रशासन के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ मासिक बैठक में पीड़ित प्रतिकर स्कीम 2011 के तहत 25,50,000/ रु की प्रतिकर राशि अपराध से पीडित व उनके परिवार हेतु स्वीकृत की गयी। जिला विधिक सेवा प्राधिकरण अजमेर के सचिव, अपर जिला एवं सेशन न्यायाधीश, रामपाल जाट ने बताया कि बैठक में विशिष्ठ न्यायाधीश, लैंगिक अपराधों से बालकों का संरक्षण अधिनियम 2012 प्राप्त हुये प्रकरणों में कार्यवाही करते हुए संग्रहित तथ्यों के आधार पर एवं अपराध की प्रकृति के मददेनजर प्रकरणों का निस्तारण किया गया जिसमें पीड़ितो की समाजिक आर्थिक स्थिति व अपराध के फलस्वरूप कारित क्षति पर पीडिता का पुनर्वास हेतु उक्त राशि स्वीकृत की गयी।

बैठक में 8 प्रकरण खारिज किये गयेः– मामले अदम वकु झूठ में पाये जाने पर परिवादी के पक्षद्रोही हो जाने पर पीडित / दावेदार द्वारा मामले के अन्वेषण में सहयोग नहीं किये जाने पर उक्त प्रकरण खारिज किये गये ज्ञात रहे कि धारा 22 पॉक्सो अधिनियम में गलत सूचना देने वाले को 6 माह के कारावास का भी प्रावधान है जो बच्चों पर लागू नहीं है। उक्त के अतिरिक्त जरूरतमन्द लोगों को निःशुल्क विधिक सहायता के तहत कुल 9 प्रकरणों में निःशुल्क विधिक सहायता प्रदान की गयी। उक्त विधिक सहायता न्यायिक अभिरक्षा में बंदियों व अन्य चचित गरीब, असहाय पात्र व्यक्तियों को उपलब्ध करवायी गयी है जिससे बंदियों को अपने प्रकरण में स्वच्छ सहज व उपयुक्त पैरवी का अवसर प्राप्त हो सके। विधिक सहायता हेतु पात्र व्यक्ति:- विधिक सेवा प्राधिकरण अधिनियम 1987 (यथा संशोधित) की धारा 12 के अनुरूप तालुका स्तर से लेकर उच्च न्यायालय एवं उच्चतम न्यायालय पर विधिक सहायता प्रदान कराई जा रही है। जिसमें अनुसूचित जाति / अनुसूचित जनजाति वर्ग, महिला एवं बालक, ऐसा व्यक्ति जिनकी वार्षिक आय सीमा 3 लाख रुपये तक हो, विचाराधीन बन्दी, प्राकृतिक आपदाग्रस्त व्यक्ति, औद्योगिक कर्मकार, मानव दुर्व्यवहार व बेगारी से पीड़ितों को निःशुल्क विधिक सहायता प्रदान की जाती है जिसको निःशुल्क अधिवक्ता प्राधिकरण द्वारा उपलब्ध करवाया जाता है।

उक्त बैठक में उपस्थित व्यक्ति श्रीमान् मदन लाल भाटी अध्यक्ष जिला विधिक सेवा प्राधिकरण, श्री अंश दीप जिला कलक्टर, श्री धर्मवीर जानु अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक श्री अनिल कौशिक न्यायाधीश पारिवारिक न्यायालय संख्या – 1. श्री राजेश गुप्ता न्यायाधीश मोटर वाहन दुर्घटना दावा अधिकरण, श्री रमाकांत शर्मा न्यायाधीश श्रम न्यायालय श्री रामपाल जाट सचिव जिला विधिक सेवा प्राधिकरण, श्रीमती शालिनी गोयल मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट, श्री संजय गुर्जर बार सचिव, श्री विवेक पारासर राजकीय अधिवक्ता श्रीमती तारा मीणा एवं एस. के. गोयल सदस्य अजमेर ने भाग लिया। मध्यस्थता कमेटी की बैठक का आयोजन जिला जज की अध्यक्षता में किया गया।

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