May 7, 2024

भीलवाड़ा (फूलिया कलां) शंकर लाल बैरवा:
यूँ तो भारत सन् 1947 में आजाद हो गया था लेकिन असमानता, गैर बराबरी, अस्पृश्यता तथा जातिगत भेदभाव से आज भी नहीं। ऐसी ही दासता एक गांव के उन लोगों की है कि जो अनुसूचित जाति के होने के कारण संविधान के लागू होने के 71 वर्ष बाद भी गांव के कथित उच्च वर्ग के लोगों द्वारा उनके बाल व दाढ़ी नही बनायी जाती है।

मामला है फूलिया कलां ब्लॉक के धनोप गांव का | जिसमे प्रार्थी ओमप्रकाश जी हरिजन ने बताया कि हमारे गांव धनोप में वाल्मीकि जाति के लोगो के बाल व दाढी विगत कई वर्षो से गांव मे बाल काटने की दुकानों पर नहीं बनाये जाते हैं। इससे परेशान होकर वाल्मीकि समुदाय के लोगों ने आज दिनांक – 16-12-2021 को बसपा युवा नेता मनीष आरटिया के नेतृत्व मे फूलिया कलां एसडीएम को ज्ञापन सौंपकर कार्यवाही करने की मांग की। साथ ही चार दुकान मालिकों के खिलाफ एससी एसटी एक्ट के तहत मुकदमा भी दर्ज करवाया। इसमें गांव के कमलेश और किशन भी व अन्य लोग मौजूद रहे।