May 19, 2024

राज्य सरकार ने की मांग पेट्रोल डीजल की दरें अंतरराष्ट्रीय क्रूड ऑयल समकक्ष करें या पेट्रोल-डीजल को जीएसटी में शामिल करें

बीजेपी ने भी राजस्थान की गहलोत सरकार से मांग की है कि राज्य में पेट्रोल-डीजल पर वैट की दरें घटाएं

(केकड़ी)- राजस्थान केंद्र सरकार के पेट्रोल डीजल पर एक्साइज ड्यूटी घटाने के बाद राजस्थान इकलौता राज्य है जहां पर पेट्रोल पर टैक्स केंद्र से भी अधिक वसूला जा रहा है। राजस्थान पेट्रोलियम डीलर एसोसिएशन ने गहलोत सरकार से वैट की दरें घटाने की मांग की लेकिन राजस्थान सरकार ने दरें घटाने के बजाय केंद्र सरकार से मांग कर डाली की पेट्रोल डीजल की दरें अंतरराष्ट्रीय क्रूड ऑयल समकक्ष करें या फिर पेट्रोल-डीजल को जीएसटी में शामिल करें। केंद्र सरकार ने पेट्रोल डीजल पर एक्साइज ड्यूटी कम करके पेट्रोल डीजल को सस्ता किया लेकिन राजस्थान में अभी भी दूसरे राज्यों से पेट्रोल डीजल महंगा है।

जयपुर में पेट्रोल डीजल 111 रुपए प्रति लीटर है डीजल भी 95 प्रति लीटर है। इसी वजह से उपभोक्ता पेट्रोल पंप पर परेशान नजर आए। सबकी एक ही मांग कि केंद्र सरकार ने एक्साइज ड्यूटी का टाइम अब राजस्थान सरकार वैट घटाकर पेट्रोल डीजल को और सस्ता करे। केंद्र सरकार किसकी एक्साइज ड्यूटी घटाने के बाद अब पेट्रोल पर केंद्रीय टैक्स 27.90 रुपये प्रति लीटर रहा है वही राजस्थान सरकार अभी भी वैट के रूप में 30.51 रुपये प्रति लीटर वसूल रही है। यानी केंद्र सरकार के टैक्स से 2.60 रुपये प्रति लीटर राजस्थान सरकार पेट्रोल पर टैक्स अधिक वसूल रही है। उसकी वजह है राजस्थान में देश में सर्वाधिक वैट का होना।

राजस्थान में पेट्रोल पर 36% और डीजल पर 26% वैट के रूप में टैक्स वसूला जा रहा है। इसका नतीजा यह कि पड़ोसी राज्य से राजस्थान में पेट्रोल करीब 12 रुपये प्रति लीटर महंगा है। पेट्रोल पंप मालिकों ने सरकार से मांग की है कि वैट कम कर राजस्थान में भी पेट्रोल की दरें पड़ोसी राज्यों के समकक्ष की जाएं लेकिन वैट कम करने के बजाए राजस्थान सरकार ने केंद्र सरकार से मांग की है कि पेट्रोल-डीजल की दरें अंतरराष्ट्रीय बाजार में क्रूड ऑयल के समकक्ष करे। गहलोत सरकार में परिवहन मंत्री प्रताप खाचरियावास ने आरोप लगाया कि केंद्र सरकार अभी भी टैक्स ज्यादा वसूल रही है इसलिए केंद्र सरकार की जिम्मेदारी है कि पेट्रोल-डीजल को और सस्ता करे। बीजेपी ने भी राजस्थान की गहलोत सरकार से मांग की है कि राज्य में पेट्रोल-डीजल पर वैट की दरें घटाएं।

हालांकि एक्साइज ड्यूटी हटाने के बाद डीजल पर केंद्र और राज्य सरकार की टैक्स वसूली में ज्यादा फर्क नहीं है लेकिन राजस्थान में पेट्रोल पंप मालिकों का कहना है कि असली मुश्किल यह है कि पड़ोसी राज्यों से पेट्रोल डीजल महंगा होने से बॉर्डर जिलों में पेट्रोल और डीजल खरीदने के लिए लोग इन पड़ोसी राज्यों में जा रहे हैं जिससे राजस्थान में पेट्रोल पंप मालिकों को नुकसान हो रहा है। इसके साथ ही महंगा डीजल पेट्रोल होने से महंगाई भी अन्य राज्यों से अधिक है।

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