May 2, 2024

धौलपुर- राजस्थान प्रदेश की आबकारी नीति के विरोध में शराब व्यवसायियों का पूरे प्रदेश से विरोध जारी है। धौलपुर आबकारी ठेकेदारों प्रतिनिधिमंडल अपनी 11 सूत्रीय मांगो का ज्ञापन लेकर राजाखेड़ा विधायक रोहित बोहरा के निवास पर पहुंचे आबकारी ठेकेदारों के प्रतिनिधिमंडल ने विधायक से मुलाकात कर ज्ञापन सौंपा । राजाखेड़ा विधायक रोहित बोहरा ने आबकारी ठेकेदारों को उनके 11 सूत्रीय मांग पत्र पर उचित कार्यवाही का आश्वासन दिया। राजाखेड़ा विधायक रोहित बोहरा को सौंपे ज्ञापन मे शराब व्यवसाईओ ने बताया कि उनकी प्रथम तिमाही कोरोना महामारी व आर्थिक मंदी व सरकार की गलत आबकारी नीति की वजह से शराब ठेकेदारों की आर्थिक स्थिति खराब हो चुकी है सभी ठेकेदार छः महीनो से बर्बादी के कगार पर खड़े है ।

बिक्री से अधिक गारण्टी होने के कारण सभी केगोदाम माल से भरे पड़े है सरकार द्वारा सम्पत्ति की तरह नीलामी लगाकर शराब बेचने की मात्रा तो बढ़ा दी गई परन्तु साथ साथ बीच बीच में शराब कम्पनियों से उच्च अधिकारियों द्वारा मिली भगत कर तरह तरह के राइडर लगाकर जो शराब ग्राहक नहीं पीता है उसे बेचने के लिये पाबंद कर रहे है।इन परिस्थितियों में राजस्थान केठेकेदारों दुकान चलाने में असमर्थ है।उच्च अधिकारियों द्वारा निजी कम्पनियों से मिलीभगत कर जो शराब नहीं बिकती है उन पर से राइडर हटाया जाए ताकि ठेकेदार द्वारा किसी भी ब्राण्ड की शराब खरीदकर गारण्टी पूर्ण की जा सके। वित्तीय वर्ष की शुरूआत के प्रथम तिमाही अप्रेल मई,जून में कोरोना महामारी की वजह से लॉकडाउन लगने व दुकानें असमय खुलने से तीन माह तक 70 प्रतिशत बिक्री प्रभावित हुई है जिसकी सरकार द्वारा 15 प्रतिशत छूट जून में दी गई, छूट मिलने से पहले ही ठेकेदारों ने गारंटी नहीं टूट जाए जिसके भय से माल का उठाव कर अपने गोदाम में रख लिया था।

माल का स्टॉक होने की वजह से ठेकेदारों की जुलाई-अगस्त-सितम्बर की गारण्टी पूर्ण नहीं हो पा रही है जिन ठेकेदारों ने अप्रैल-मई जून- में गारंटी पूरी की है उन्हें भी छूट का लाभ प्रदान किया जाए और अधिक उठाव का समायोजन जुलाई-अगस्त सितंबर में दिया जाए। सरकार द्वारा शराब ठेकेदारों को गारण्टी पर दुकान दी हुई है परन्तु गारण्टी के साथ बेसिक लाईसेंस फीस और जोड़ दी गई ऐसे में गारण्टी पूरी नहीं होने पर ठेकेदार माल नहीं उठाकर गारण्टी नकद जमा करवा देता है परन्तु जो माल नहीं उठाता है उस पर 1000 प्रति पेटी गारण्टी अलग से ली जा रही है जबकि यह राशि पिछले वर्ष 500 प्रति पेटी थी जो माल नहीं उठाया जा रहा है उस पर बी. एल.एफ. की छूट दी जाये। सरकार द्वारा आबकारी पॉलिसी में सरकारी उपक्रम आरएसबीसीएल/ आरटीडीसी को भी नीलामी में दुकाने दी गयी थी परन्तु नुकसान होने के कारण सरकारी उपक्रम द्वारा दुकाने सरेंडर कर दी गयी उन पर कोई बकाया नहीं निकाला गया ना ही उन्हें ब्लेकलिस्टकिया गया उसी नियम के तहत जो भी ठेकेदार नुकसान होने के कारण दुकान सरेंडर करना चाहता है उसे आज तक की गारण्टी जमा कर बकाया मुक्त किया जावे ।

सरकार द्वारा आबकारी नीति में बताया गया था कि जो दुकान पेंडिंग रहेगी उन्हें आबकारी विभाग द्वारा चलाया जायेगा जबकि विभाग द्वारा वह दुकानें 60-70 प्रतिशत कम करके नीलाम की जा रही है जिसमें उच्च नीलामी में दुकान उठाने वाले ठेकेदार को नुकसान हो रहा है क्योंकि कम गारण्टी में दुकान उठाकर कम दर में शराब बेचने से उच्च दर में नीलामी में दुकानें लेने वाले की बिक्री प्रभावित होती है।प्रथम तिमाही कोरोना महामारी व द्वितीय तिमाही आर्थिक मंदी होने की वजह से गारण्टी पूर्ण करने के लिये तृतीय व चतुर्थ तिमाही का समय दिया जाये ना कि उससे प्रथम व द्वितीय तिमाही में गारण्टी पूर्ति नहीं होने पर पेनल्टी नहीं ली जावे उसे शेष तिमाही में गारण्टी पूर्ण करने का अधिकार दिया जावे जिन दुकान पर प्रथम व द्वितीय तिमाही का धरोहर राशिसे अधिक लाखो रूपये का बकाया चल रहा है उन्हेंनिरस्त कर सरकार द्वारा चलाया जाये ना कि कम दरपर नीलाम किया जाये।

शराब ठेकेदार जितनी शराब राजस्थान की जनता पीती है, उतनी ही पिला सकता है ।गारण्टी में शराब का उठाव बचता है और शराब ठेकेदार द्वारा उठाया नहींजाता तो उस पर सिर्फ आबकारी शुल्क लिया जाये उसपर से काला टैक्स बीएलएफ हटाया जाये ।आबकारी नीति में अंग्रेजी शराब पर 20 प्रतिशत मार्जनदिय गया था परन्तु वह 10 से 12 प्रतिशत ही आ रहा है।आबकारी नीति में अंग्रेजी शराब पर 20 प्रतिशत मार्जन जिससे दुकान के खर्चे भी पूरे नहीं हो पा रहे है उसे 20 प्रतिशत किया जाये।आबकारी नीति में जब दुकान की गारण्टी राशि दे दी गयी हैतो उस पर से कम्पोजिट फीस एवं एमएसपी की बाध्यताखत्म की जाये।अप्रेल, मई, जून में जिन अनुज्ञाधारियों द्वारा बैसी कीगयी थी उसको भी छूट का अधिकार देकर अन्य तिमाहीमें समायोजित किया जाये। प्रदेशभर से जयपुर पहुंचे ठेकेदारों ने कहा कि यदि हमारी मांगे पूरी नहीं होती है तो हमारेपास शराब ठेकों पर ताला लगाकर दुकान सरेंडर के अलावा कोई रास्ता नहीं है हमारी दुकान सरेंडर कर हमें बकाया का नो-ड्यूज प्रमाण पत्र दिया जाये ।

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