May 20, 2024

नागौर- रिया बड़ी उपखंड क्षेत्र में आलनियावास कस्बे से लूंगीया की ओर जाने वाली लूनी नदी में खनन माफियाओं द्वारा सैकड़ों बीघा जमीन को गहरे गड्ढों में तब्दील कर दिया। पर्यावरण को बचाने के लिए वन विभाग की ओर से लगाए गए। पेड़ अवैध बजरी खनन की भेंट चढ़ गए। जिम्मेदारों की अनदेखी कहें या मिलीभगत कारण चाहे जो भी हो लाखों कमाने के चक्कर में करोड़ों की लागत से तैयार हुए पेड़ों पर खनन माफियाओं की जेसीबी चल गई। मौका स्थिति को देखा जाए तो लंबे चौड़े नदी क्षेत्र को पूरी तरह खुर्दबुर्द करते हुए लगभग पचास मीटर गहराई तक खंडे खुद डाले। स्थिति बता रही है। कि लंबे समय से यहां अवैध बजरी खनन को अंजाम दिया जा रहा है।

ग्रामीणों द्वारा बंद करवाए गए रास्ते को खनन माफियाओं ने खोल दिया : कस्बे से लूंगीया की ओर बिना कटानी मार्ग के वन क्षेत्र में अवैध रास्ते का निर्माण कर दिया जिसको कस्बे वासियों ने बंद करवा कर 17 सितंबर 2020 को पुलिस थाना थांवला में खनन माफियाओं के खिलाफ नामजद रिपोर्ट दर्ज करवाई बावजूद इसके खनन माफियाओं ने रास्ते को खोलकर अवैध बजरी के डंपर परिवहन कर रहे हैं।

सैकड़ों डंपरो की रोज अवैध सप्लाई : ग्रामीणों की बात माने तो इस क्षेत्र से सैकड़ों डंपर ट्रेलर ट्रैक्टर ट्रॉली जैसे बड़े वाहन अवैध बजरी से परिवहन होकर फर्जी ई रवाना के जरिए दूर तक जाते हैं।

लोकेशन की आड में बढ़ता अपराधियों का कुनबा : खनन क्षेत्र से कई किलोमीटर दूर आम रास्तों पर खनन माफियाओं के आदमी निडर होकर नाका लगा बैठ जाते हैं। आम राहगीर इन से पंगा नहीं लेना चाहता। बिना मेहनत किये मिलने वाली कमाई से आपराधिक प्रवृत्ति को ही जन्म देती है।

ठोस कार्रवाई के अभाव में बढ़ते खनन माफियाओं के हौसले : ग्रामीणों के द्वारा उच्च अधिकारियों को शिकायत करने के बाद फौरी कार्रवाई दर्शा कर अपना पल्लू छोड़ कर चले जाते हैं और वापस मिली भक्ति हो जाती है बचाव कर लेते हैं। जबकि मौके पर कई जेसीबी और डंपर रहते हैं। बावजूद भी खनन विभाग के अधिकारी मौके पर नहीं पहुंचते। कई बार ग्रामीणों ने अपने स्तर पर अवैध बजरी खनन को बंद करवाया लेकिन प्रशासनिक अनदेखी और ठोस कार्रवाई के अभाव में फिर से शुरू हो जाता है। अवैध बजरी का कारोबार।

तहलका न्यूज़ पवन कुमार सागर रियां बड़ी