May 5, 2024
  • बाबा साहब ने संविधान की रचना कर भारतवर्ष को एकता के सुत्र में पिरोनेका कार्य किया- यादव !

(मनोज प्रजापत) संविधान निर्माता, भारत रत्न बाबा साहब डॉ. भीमराव अम्बेडकर की130 वीं जयन्ती के अवसर पर बुधवार को राजधानी जयपुर स्थितसीएमआर पर मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की अध्यक्षता में राज्य स्तरीय संगोष्ठी
कार्यक्रम का आयोजन किया गया।

इस मौके पर सर्वसमाज की भुमिका शांतिपूर्ण प्रदेश के लिए विषय पर संगोष्ठी का आयोजन हुआ। वहींसामाजिक प्रतिनिधियों के सम्मेलन का आयोजन भी किया गया। कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा कि महापुरूषों कीजयन्ती मनाने का उद्धेश्य उनके विचारों को अपनाना होना चाहिये।

आज देश में जैसी परिस्थितियां है ऐसे में बाबा साहब के सिद्धांतों पर चलकर मानवसमाज में समरसता कायम करने की आवश्यकता है। जिस परिवार में झगड़े हो वहां सुख-शांति कायम नहीं होसकती। यह नियम देश, समाज पर भी लागु है। आज समाजकी विघटित करने वाली भाषा से विभिन्न वर्गो में वैमनस्य कायम हो गया है।

धर्म निरपेक्षता की मूल भावना को भुला दिया गया है।संवैधानिक संस्थाओंपर दबाव है। ऐसे में संविधान मूल भावनाओं को ध्यान में रखते हुए व्यवहारव भाषा पर संयम रखने की आवश्यकता है। डॉ. अम्बेडकर ने बचपन में उनके साथ हुए अन्याय व अपमान की प्रतिक्रिया ना देकर अपने आप को योग्य बनाते हुए देश में दलित, शोषित, वंचित व पिछड़ों को उनका हक दिलाया।

इसी प्रकार महात्मा गाँधी भी दक्षिण अफ्रीका में हुए भेदभाव व अपमान का घुंट पीकर समाज में व्याप्त ऊंच नीच को दूर करने एवं समरसता कायम करने में जुट गये। हमें युवाओं को सही राह दिखाने की आवश्यकता है। कार्यक्रम में शिरकत करतेहुए समाजकल्याण, सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता राज्यमंत्री व क्षेत्रियविधायक राजेन्द्र सिंह यादव ने कहा कि देश की वर्तमान हालत पर चिन्तन व मनन करने के लिए युवा व छात्र वर्ग को प्रेरित करना होगा। ताकिव्यवस्थाओं में सुधार लाया जा सकें। सूचना प्रोधोगिकी के इस युग में छुआछूत व घुंघट प्रथा मानवता पर कलंक है। देश की आजादी के बाद बाबा साहब
ने धर्म, जाति, वर्ग, वर्ण,सम्प्रदाय, भाषा व क्षेत्रवाद के भेद में
बंटे भारतवर्ष को संविधान का निर्माण कर एकता के सुत्र में पिरोने काकार्य किया। जिससे यह राष्ट्र प्रजातंत्र के मार्ग पर आगे बढ़ पाया।विशेष तौर पर महिलाओं को मुख्य धारा में शामिल करने के लिए बाबा साहब कायोगदान अविस्मरणीय है। कार्यक्रम में मुख्य सचिव डॉ. निरंजन आर्य, शासनसचिव समित शर्मा व विभागीय निदेशक ओपी बुनकर, डॉ. भीमराव अम्बेडकर विधि विश्वविधालय के कुलपति देवस्वरूप, गाँधीवादी विचारक पीवी राज गोपाल,शांति एवं अहिंसा प्रकोष्ठ के समन्वयक मनीष शर्मा समेत अन्य मौजुद रहें।इस मौके पर अम्बेडकर समाज सेवा, महिला कल्याण व न्याय के चार पुरूस्कारोंका वितरण किया गया। साथ ही कुल 17 छात्रों को अम्बेडकर शिक्षा पुरूस्कारसे सम्मानित किया गया।

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