May 2, 2024

कुल्फी,फलुदा,जूस पसंद करने वालों को हम बता रहे हैं जयपुर के सोडाला में कुल्फी,जूस की एक खास दुकान के बारे में जहां का स्वाद आपका दिन बना देगा…

कुल्फी,फलुदा,शेक,जूस का नाम सुनते ही मुंह में पानी आ जाता है। आए भी क्यों न! आखिर कुल्फी इतनी टेस्टी जो होती है। फिर जब इतनी गर्मी हो, तो कुल्फी,फलुदा और जूस का मजा दोगुना हो जाता है। कुल्फी,फलुदा,जूस पसंद करने वालों को हम बता रहे हैं गुलाबी नगर में जूस कुल्फी की फेमस दुकान के बारे में जहां का लाजवाब स्वाद आप दिन बना देगा…

साहू जूस,कुल्फी एवं गजक

कुल्फी,फालूदा,जूस के चाहने वालों के लिए ये जगह खास है.1998 में जूस और केसर कुल्फी,और फलुदा के साथ शुरू होने वाली इस दुकान में आज अच्छी क्वॉलिटी की कई फ्लेवर वाली कुल्फी,जूस,शेक,और ख़ास फलुदा मिलता हैं.यहां की कुल्फी अपने फ्रेश टेस्ट के लिए जानी जाती है। खास बात यह है कि ये किफायती भी है.

गुलाबी नगर जयपुर के सोडाला हवा सड़क रोड में कुल्फी-फलूदे का एक ठिकाना दूर-दूर तक मशहूर है. बड़े-से लाल कपड़े में लिपटे मटके से कुल्फियां निकाल-निकाल कर फलूदा और सिरप डाल कर लोगो को धड़ाधड़ ठंडी-ठंडी, कूल-कूल कुल्फी-फलूदा का मजा चखा रहे है .यह दुकान इतनी मशहूर है कि यहां हर पल कुल्फी-फलूदा.खाने वालो की भिड़ रहती है यहाँ आकर आप रॉयल फलुदा विद आइसक्रीम ,चॉकलेट टॉप, स्पेशल रबड़ी फलूदा ,केसर मटका कुल्फी, कोल्ड कॉफी ,फलूदा, आइसक्रीम, शेक के शौक़ीन अपना शौक पूरा कर सकते हैं.गिलास में सर्व रबड़ी-फलूदा भी है, लेकिन कुल्फी-फलूदा से ही इसकी पहचान है.

राजधानी जयपुर में जैसे-जैसे पारा बढ़ता जा रहा है वैसे ही चिलचिलाती धूप लोगों को सताने लगी है। गर्मी के दिनों में कुल्फी की ठंडक लोगों को बहुत आकर्षित कर रही है। जयपुर की मशहूर जूस कुल्फी की दुकान, के मालिक राम सवेक जी साहू से बातचीत की तो उन्होंने बताया कि ये कुल्फी, जूस की दुकान सन् 1998 में शुरू की गई थी.यहां दिनभर की 150-200 गिलास जूस और करीब 200 कुल्फियां रोज बिक जाती हैं. रबड़ी कुल्फी, मटका कुल्फी, स्पेशल रबड़ी फालूदा और चॉकलेट कुल्फी,बादाम शेक,मिक्स फ्रूट शेक लोग ज्यादा पसंद करते हैं.

इनकी कुल्फी,जूस की शोहरत दूर-दूर तक है. कई दशकों का अनुभव इनकी कुल्फी में साफ नजर आता है. कुछ खास तरह की कुल्फियों ने यहां अपना रंग जमा रखा है.समय के साथ जैसे-जैसे व्यापार बढ़ता गया, वैसे-वैसे कुल्फी,जूस ने भी अपने रंग बदले और समय को देखते हुए इसमें किस्में जुड़ती गईं.लकिन कवालिटी को लेकर उन्होंने कभी कोई समझौता नहीं किया. दूध से लेकर फलों तक सभी चीजों को जांचने-परखने के बाद ही उनका इस्तेमाल किया जाता है.

राम मंदिर,22 गोदाम,हवा सड़क रोड,सोडाला जयपुर