April 27, 2024

विभिन्न माँगों को लेकर मुख्यमंत्री को भेजा ज्ञापन

कोटपूतली:(मनोज पंडित)

राजस्थान प्रदेश कांग्रेस कमेटी (ओबीसी प्रकोष्ठ) द्वारा रविवार को निकटवर्ती कस्बे पावटा स्थित किसान सीमेंट एजेंसी पर ओबीसी आरक्षण एवं जनगणना को लेकर सम्मेलन का आयोजन किया गया। सम्मेलन के मुख्य अतिथि प्रांतीय अध्यक्ष हरसहाय यादव ने कहा कि ओबीसी की मांगों के लिए हम अनवरत लड़ाई लड़ते रहेंगे। इसमें किसी प्रकार की कोताही नहीं बरती जायेगी।

अध्यक्षता सेवानिवृत्त तहसीलदार रामनिवास यादव ने की। वहीं विशिष्ठ अतिथियों में कोऑर्डिनेटर राजेन्द्र सैन, ब्लॉक कांग्रेस अध्यक्ष छीत्तरमल सैनी, जाट महासभा अध्यक्ष जसवंत माठ, मातादीन योगी, टिंकू प्रजापति, भागीरथ जांगिड़, ओमप्रकाश सैन, रवि सैन रहे। महासचिव रामनिवास यादव ने बताया कि सम्मेलन में ओबीसी आरक्षण एवं ओबीसी वर्ग से जुड़ी अन्य विसंगतियों को दूर करने के संबंध में चर्चा की गई। साथ ही ओबीसी आरक्षण एवं जनगणना को लेकर प्रदेश के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के नाम ज्ञापन भी प्रेषित किया गया।

ज्ञापन में की विभिन्न माँगे :- मुख्यमंत्री गहलोत को प्रेषित किये गये ज्ञापन में 16 नवम्बर 1992 को सर्वोच्च न्यायालय ने सरकारी नौकरियों में ओबीसी के लिए 27 प्रतिशत आरक्षण लागू किया, साथ ही 50 प्रतिशत सीमा सीलिंग की। इसलिए राजस्थान में ओबीसी को 21 प्रतिशत आरक्षण दिया गया। अब चूंकि सर्वोच्च न्यायालय ने आरक्षण की सीलिंग सीमा समाप्त कर दी है अत: राज्य में ओबीसी को सरकारी नौकरियों में 27 प्रतिशत आरक्षण दिया जाये।

कैबिनेट बैठक में ओबीसी आरक्षण को लेकर केवल एक ही मुद्दे (भूतपूर्व सैनिकों से संबंधित) विसंगति ही दूर की गई है। अभी भी इससे संबंधित कई विसंगतियां दूर करना बाकी है, जिसमें समस्त प्रक्रियाधीन भर्तियों में 17 अप्रैल 2018 से पूर्व की व्यवस्था लागू करने की अब तक 17 अप्रैल 2018 के परिपत्र से हुए 11 हजार ओबीसी की संबंधित सीटों के नुकसान की भरपाई हेतु शैडो पोस्ट जारी करने, ओबीसी रोस्टर अपडेट किये जाने, वेटिंग लिस्ट में कैटेगरी वाईज किए जाने की आवश्यकता है।

राज्य में एसटी, एससी, सामान्य (ईडब्लूएस) को जनसंख्या के अनुपात में आरक्षण है, केवल ओबीसी को ही अभी तक जनसंख्या के अनुपात में आरक्षण नहीं दिया गया है। इसलिए राज्य में ओबीसी का आरक्षण ओबीसी की जनसंख्या के अनुपात में 64 प्रतिशत किए जाने, एमबीबीएस कोर्स में ओबीसी को फीस पुनर्भरण, तमिलनाडु की तर्ज पर ओबीसी में क्रीमीलेयर व्यवस्था समाप्त करने की आवश्यकता है।

उच्च पदों पर ओबीसी का प्रतिनिधित्व लगभग नगण्य है, इसलिए मंडल आयोग की सिफारिशों के आधार पर ओबीसी को पदोन्नति में आरक्षण दिए जाने, ओबीसी के छात्रों के लिए जिला स्तर पर छात्रावास की कोई सुविधा नहीं है इसलिए जिला मुख्यालय पर हॉस्टल सुविधा उपलब्ध कराए जाने, आगामी जनगणना में ओबीसी की जाति जनगणना करने का प्रस्ताव पारित कर केंद्र सरकार को भेजने, जनसंख्या के अनुपात में निजी क्षेत्र में आरक्षण देने की अति आवश्यकता है।