अजमेर:( मुकेश वैष्णव ) वैष्णव बैरागी समाज चौमालिसा प्रथम संस्थान के तत्वावधान में बुधवार को गणेश जी की बड़ी में सामूहिक विवाह सम्मेलन की गणेश विदाई एवं भामाशाह सम्मान समारोह का भव्य आयोजन किया गया। यह आयोजन सामूहिक विवाह सम्मेलन की सफलतम समाप्ति के उपलक्ष्य में आयोजित किया गया था, जिसमें समाज के विभिन्न क्षेत्रों से जुड़े गणमान्य व्यक्ति एवं समाजसेवी शामिल हुए। सामूहिक विवाह सम्मेलन की सफलता पर सम्मान गणेश विदाई एवं सम्मान समारोह की अध्यक्षता हरिद्वार दास वैष्णव (कजोड़ियां) ने की। मुख्य अतिथियों में चोखला अध्यक्ष रामनिवास दास वैष्णव (भीमडावास), प्रहलाद दास वैष्णव (रामपुरा), जगदीश प्रसाद वैष्णव (बघेरा), चतुर्भुज दास तसवारिया, विवाह समिति अध्यक्ष सीताराम वैष्णव (सलारी), गोपाल दास वैष्णव (कादेड़ा), बालमुकुंद वैष्णव (सांपला), और पूर्व सरपंच आसाराम वैष्णव शामिल थे।
सामूहिक विवाह सम्मेलन में सहयोग देने वाले सभी भामाशाहों और समाजसेवियों का साफा बांधकर एवं स्मृति चिन्ह भेंट कर सम्मान किया गया। संस्थान के सदस्यों ने कार्यक्रम में सक्रिय भागीदारी निभाई और समाज को एक नई दिशा देने की प्रेरणा दी।
शिक्षा और एकता पर जोर
समारोह के दौरान पूर्व छात्रावास अध्यक्ष रामनिवास वैष्णव ने शिक्षा के महत्व पर बल दिया। उन्होंने कहा, समाज के विकास की कुंजी शिक्षा है। हमें अपने बच्चों को शिक्षित करने और उन्हें उच्च शिक्षा के लिए प्रेरित करने की आवश्यकता है।
पूर्व सरपंच आसाराम वैष्णव ने समाज में एकता की आवश्यकता पर जोर दिया और सामाजिक संगठनों को इस दिशा में कार्य करने की सलाह दी।
शिक्षाविद गोपाल लाल वैष्णव ने समाज में व्याप्त कुरीतियों को समाप्त करने का आह्वान किया और शिक्षा के साथ-साथ समाज सुधार को प्राथमिकता देने की अपील की। आर्थिक योगदान का लेखा-जोखा
संस्थान के कोषाध्यक्ष बनवारी लाल वैष्णव ने सामूहिक विवाह सम्मेलन के आर्थिक योगदान का लेखा-जोखा प्रस्तुत किया। उन्होंने बताया कि सम्मेलन को सफल बनाने में समाज के विभिन्न क्षेत्रों से विशेष सहयोग प्राप्त हुआ। इस अवसर पर भामाशाहों और समाजसेवियों को सम्मानित कर उनके प्रयासों की सराहना की गई। उल्लेखनीय उपस्थिति और आयोजन
गणेश विदाई के दौरान समाज के कई प्रमुख सदस्य उपस्थित रहे, जिनमें हीरालाल वैष्णव, महावीर प्रसाद वैष्णव, चंद्र प्रकाश वैष्णव, सत्यनारायण वैष्णव, सतीश कुमार वैष्णव, नाथूलाल वैष्णव, दिनेश कुमार वैष्णव, घनश्याम वैष्णव, और महावीर दास फारकिया प्रमुख थे।
कार्यक्रम का संचालन जगदीश प्रसाद वैष्णव (कुंवाड़ा) ने कुशलतापूर्वक किया। यह आयोजन समाज के भीतर शिक्षा, एकता, और सहयोग के महत्व को रेखांकित करने वाला रहा।
समाज को नई दिशा देने की पहल
इस कार्यक्रम ने समाज को संगठित होकर आगे बढ़ने, कुरीतियों को समाप्त करने और शिक्षा के माध्यम से समाज के बच्चों को सशक्त बनाने का संदेश दिया। सामूहिक विवाह सम्मेलन और इसके उपरांत आयोजित गणेश विदाई एवं भामाशाह सम्मान समारोह ने समाज में एकता और परस्पर सहयोग का अद्वितीय उदाहरण प्रस्तुत किया।