November 24, 2024

अजमेर (मुकेश वैष्णव ) न्यायालय ऊपर मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट नसीराबाद के पीठासीन अधिकारी जितेंद्र रैया ने चेक अनादरण के आरोपी रामसहाय सैनी पुत्र नानक राम माली , निवासी नसीराबाद को धारा 138 पर क्राम्प लिखत अधिनियम में दोषमुक्त कर बरी कर दिया।

अभियुक्त रामसहाय सैनी के विरुद्ध पवन कुमार पुत्र स्व. देवाराम कोली , निवासी नसीराबाद ने 6 फरवरी 2012 को परिवाद पेश कर आरोप लगाया था कि अभियुक्त रामसहाय सैनी ने अपने घरेलू आवश्यकता बताकर 06 माह के लिए 4 लाख रुपए उधार लिए थे। जिस बाबत अभियुक्त रामसहाय ने अपने बैंक राजस्थान बैंक शाखा नसीराबाद का चेक परिवादी को दिया था। जिस पर रुपए नहीं लौटाने पर परिवादी ने कोर्ट में याचिका पेश की थी ।

जिस बाबत अभियुक्त के परिवादी एडवोकेट पवन बीजावत, अनिल बीजावत, दिनेश मेहरा व रोहन गोयल ने तर्क दिया कि अभियुक्त को इस प्रकरण में मिथ्या फंसाया गया है। तथा वर्णित चैक की राशि भी मिथ्यारुप से वर्णित की गई है। जिसमें चेक का दुरपयोग करते हुए कार्य में लिया गया है। इन्हीं तर्को से सहमत होते हुए अभियुक्त रामसहाय सैनी को दोषमुक्त कर बरी किया गया।