November 24, 2024
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पावटा:(अजय शर्मा) हमेशा वन्य जीवो की रक्षा करने वाले भांकरी निवासी मोहित शर्मा एवं दिव्या का अमृता देवी विश्नोई स्मृति पुरुस्कार 2022 के लिए चयन हुआ है बुधवार को हरियाली तीज को राज्य स्तरीय वन महोत्सव पर गाडोता मोजमाबाद दूद मे मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा उपमुख्य मंत्री डॉ प्रेमचन्द बैरवा संसदीय कार्य मंत्री जोगाराम पटेल वन मंत्री संजय शर्मा द्वारा मोहित शर्मा एवं दिव्या शर्मा को 50 हजार रुपये प्रशस्ति पत्र देकर अमृतादेवी विश्नोई स्मृति पुरुस्कार दिया गया।

मोहित शर्मा एवं दिव्या शर्मा ने सर्वप्रथम 10 अक्टूबर 2019 को ग्राम भांकरी मे श्याम जी के मन्दिर के सामने श्वानो के हमले से छुडाकर मोर की जान बचाई उसी दिन से मोहित दिव्या दोनो भाई बहन ने संकल्प लिया था कि वन्यजीव एवं पशु पक्षी हमारी प्रकृति की धरोहर है इन्हे बचाना हमारा परम कर्तव्य है। 31 जनवरी 2020 को भांकरी मे मोहित दिव्या ने ग्रामीणो के साथ मिलकर गोतस्करो से 8 गायो को मुक्त करवाई कारोना काल मे लोग अपने घर मे कैद थे परन्तु मोहित शर्मा एवं दिव्या घायल पशु पक्षियो की रक्षा करने मे जुटे हुए थे पक्षियो के लिए दाने पानी की व्यवस्था मे जुटे हुए थे।

इन दोनो भाई बहन का जीवो के प्रति इतना लगाव हो गया कि इन्होंने नील गाय बन्दर लंगूर जरख मोर बाज गीदड आदि वन्यजीवों की जान बचाई 3मई2020 मे बडनगर भांकरी मे तेज आंधी एवं बरसात मे घायल 8 राष्ट्रीय पक्षी मोर एवं एक दर्जन परिन्दो की जान बचाई । 11सितम्बर 2020 को पांचूडाला मे सूखे कुए मे गिरे नील गाय के बच्चे को कुए उतर कर रेस्क्यू करते हुए नील गाय के बच्चे की जान बचाकर उसकी मॉ नील गाय के पास छोड़ा माह सितम्बर 2020 पावटा क्षेत्र मे श्वानो के हमले मे घायल 82 नील गाय के बच्चो की जान इसके अलावा अप्रेल 2023 मे परीक्षा देकर लौट रही दिव्या शर्मा ने किराडोद मे सडक पर तडप बेहोश लंगूर को पानी पिलाकर जान बचाई मोहित शर्मा वर्ष अक्टूबर 2021 मे डेंगू से पीडित होने के बाद भी नील गाय का उपचार करवाया मोहित शर्मा एवं दिव्या शर्मा ने अब तक761 नील गाय 382 मोर 40 बन्दर दो जरख एक बाज एक गीदड आदि वन्य जीवो की जान बचाई ।

मोहित दिव्या का जीवो के प्रति इतना लगाव है जिन वन्य जीवो के बच्चो की मॉ जंगल मे छोड़कर चली जाती है या मर जाती उन बच्चो को निप्पल एवं बोतल से दूध पिलाकर पालन पोषण किया अब तक वन्य जीवो के 189 बच्चो का पालन पोषण किया । इसके अलावा मोहित दिव्या हर वर्ष गर्मी मे पावटा शाहपुरा एवं विराटनगर क्षेत्र मे पेडो पर पक्षियो के लिए परिण्डे बांधते है एवं वर्षा ऋतु मे वृक्षारोपण करते है। मोहित दिव्या को इन सभी कार्यों की प्रेरणा दादाजी वैद्य हनुमान प्रसाद मिश्रा जी ताऊजी प्राध्यापक गिरिराज प्रसाद शास्त्री रामकुमार शास्त्री की रही है। क्योंकि सर्वप्रथम कुत्तो से छुड़ाकर मोर की जान बचाकर मोहित दिव्या ने ताऊजी गिरिराज शास्त्री एवं रामकुमार शास्त्री को मोर की हालत दिखाई तो ताऊजी ने शाबासी दी । इनके पिता डॉ गौरीशंकर शर्मा का भी पूरा योगदान रहा है।

डॉ गौरीशंकर शर्मा ने कहा कि मनुष्य अपनी पीडा बोलकर व्यक्त कर सकता है परन्तु ये बेजुबान अपनी पीडा व्यक्त नही कर सकते इनकी रक्षा करना ही हमारा परम कर्तव्य है।