जयपुर: गोपालवाड़ी स्थित एक टावर में रहने वाले बड़े शराब व प्रॉपर्टी कारोबारी के घर सोमवार शाम 75 लाख रुपए लूट की वारदात उनके ही नाबालिग बेटे ने रची थी। 12वीं कक्षा में पढ़ने वाले बेटे ने साजिश में ममेरे भाई को भी शामिल किया। बेटा इस पैसे से आलीशान जिंदगी जीना चाहता था। पुलिस ने लूट की सूचना मिलने के तीन घंटे में ही ममेरे भाई को हिरासत में ले लिया और करीब 5 घंटे बाद उसके चाचा के पास से रुपए रखा बैग बरामद कर लिया।
पुलिस कमिश्नर बीजू जॉर्ज जोसफ ने बताया कि आगे की कार्रवाई शराब कारोबारी की ओर से रिपोर्ट देने के बाद की जाएगी। ट्रॉली बैग लेने पहुंचा फूफा के घर डीसीपी दिगंत आनंद ने बताया कि कारोबारी के बेटे ने जिस समय घटना बताई, तब टावर की लिफ्ट व सीढ़ियों के पास लगे सीसीटीवी कैमरे में कोई भी संदिग्ध आते व जाते नजर नहीं आया। वही वारदात के समय से पहले को फुटेज में एक युवक ट्रॉली वेग के साथ अन्य बैग लेकर जाते नजर आया।
जांच में पता चला कि युवक कारोबारी का रिश्तेदार (बेटे का ममेरा भाई) है। ममेरे भाई ने साजिश के तहत कारोबारी फूफा को फोन कर कहा था कि श्रीनगर घूमने जाएगा। इसलिए उसे ट्रॉली बैगा चाहिए। घर पर कारोबारी की पत्नी व दोनों बेटी भी नहीं थी। आरोपी ममेरा भाई प्रिंस वहां पहुंचा और ट्रॉली बैग के साथ रुपए रखा बैग साथ ले गया। तब पुलिस को वारदात में ममेरे भाई के शामिल होने का संदेह हुआ और कारोबारी के बेटे पर पहले ही शक हो गया था।
रची कहानी… 3 बदमाश घुसे, गन दिखाकर बैग लूटा
कन्ट्रोल रूम को सूचना मिली कि कारोबारी (बेटा नाबालिग होने के कारण नाम नहीं दिया जा रहा) के घर पर सोमवार शाम 5.11 बजे तीन बदमाश घुस गए। घर पर कारोबारी का बेटा अकेला था, जिसे गन पॉइंट पर लेकर अलमारी में रखे 75
लाख रुपए ले गए। बेटे ने बताया कि बदमाश ने अलमारी में रखे रुपए भरा बैग चौथे फालोर स्थित फ्लैट की बालकनी से बाहर फेंक दिया और सफेद रंग की कार लेकर खड़े उनके साथी ने बैग उठा लिया और बदमाश भाग गए।
कारोबारी ने घर पर रखे थे बिजनेस के रुपए
पुलिस ने बताया कि ममेरे भाई ने रुपए रखा बैंग श्रीगंगानगर निवासी अपने बाचा को दे दिया था, जो इन दिनों जयपुर आया हुआ है। ममेरे माई को सिधीकैम्प क्षेत्र से पकड़ा और उसकी निशानदेही से 75 लाख रुपए बरामद कर लिए। कारोबारी ने बताया कि बिजनेस से संबंधित रुपए घर पर लाकर रखे थे।
यों भी हुआ संदेह
टावर के चौथे फ्लोर पर कारोबारी के सामने वाले फ्लैट में किराए पर रहने वाले विकास अग्रवाल और उनके परिजन ने बताया कि उन्हें किसी भी तरह की कोई आवाज नहीं आई। टावर में लोगों की आवाजाही रहती है, मूसल व बेसमेंट में दफ्तर होने पर कई लोग रहते हैं, किसी ने भी लुटेरों को नहीं देखा।
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