पावटा:( अजय शर्मा )
प्रागपुरा कस्बा स्थित सोहिल दुध डेयरी पर रविवार को स्वतंत्रता सेनानी बिरसा मुंडा के छायाचित्र पर पुष्पांजलि अर्पित कर शहादत दिवस मनाया गया। कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए सामाजिक कार्यकर्ता राजेश हाडिया ने कहा कि झारखंड के आदिवासी दम्पति सुगना और करमी के घर जन्मे बिरसा पराक्रम और सामाजिक जागरण के धरातल पर तत्कालीन युग के एकलव्य थे। इन्होंने जल, जंगल और जमीन की लड़ाई लड़कर साहस की स्याही से पुरुषार्थ के पृष्ठों पर शौर्य की शब्दावली रची है। हाडिया ने बताया कि ब्रिटिश हुकूमत ने बिरसा को खतरे का संकेत समझ कर राजद्रोह का झूठा मुकदमा दर्ज कर उन्हें जेल में धीमा जहर दिया जिसके कारण वे 09 जून 1900 को शहीद हो गए।
बिरसा मुंडा आदिवासी समुदाय के नेता हुए जिन्हें भगवान स्वरुप माना जाता है। भारतीय इतिहास में बिरसा मुंडा को बेहद सम्मान से याद किया जाता है।
इस दौरान ओमप्रकाश उर्फ गिन्नी भाई, राजकुमार सैनी, असलम खान, राहुल यादव, सौरभ खान, मनोज सैनी, नरेश वर्मा, राहुल धानका, सुभाष आर्य समेत अन्य लोग उपस्थित रहे।