राजस्थान की समृद्ध परंपराओं में शुद्ध खान-पान का शुरू से बोलबाला रहा है. इसी कड़ी में खाने-पीने के शहर किशनगढ़ में भी खाने-पीने के शौकीन लोगों की कोई कमी नहीं है. जयपुर शहर में ऐसे कई स्थल हैं, जो अपने नाम से ही विशेष कार्य के लिए जाने जाते हैं. इसी शृंखला में जयपुर में एक स्थान है “कमल ननमकीन भंडार”, जिनका नाम सुनते ही मुंह में पानी आ जाता है.
आज हम आपको जयपुर के उस फेमस चाट फ़ूड प्वाइंट वाले के बारे में बताने जा रहे है जो किसी पहचान का मोहताज नहीं।यहां लगने वाली भीड़ को देख लोग चौक जाते है.काम कोई छोटा या बड़ा नहीं होता, अगर इंसान ठान ले तो अपने जूनून को व्यवसाय का रूप देकर अपनी किश्मत को बदला जा सकता है.
अगर आपको सबसे स्वादिष्ट दाल कचौड़ी खानी है तो इस शहर में कमल नमकीन भंडार से बेहतर कचौड़ी कहीं नहीं मिलेगी। यहां की मशहूर उड़द दाल की कचौड़ी को हींग व दूसरे भारतीय मसालों से तैयार किया जाता है। जयपुर में कमल नमकीन भंडार दुकान की स्थापना सन 1980 में हुई थी और तब से ही उसके स्वाद का कोई तोड़ नहीं बन सका है। इसका स्वाद दोगुना करने के लिए इसे हरी मिर्च, दही और धनिये की चटनी के साथ सर्व किया जाता है. कमल नमकीन भंडार की कड़ी कचौड़ी का स्वाद आपको बार-बार इस तरफ खींच लाएगा.
जयपुर गए और दाल कचौड़ी नहीं खाई तो समझिए कि आपने कुछ भी नहीं खाया। खैर, कढ़ी पसंद न हो तो यहां कचौड़ी के साथ चटनी भी उपलब्ध है।
दुकान के संचालक अमित अग्रवाल बताते हैं कि 45 साल पहले मेरे पिताजी कमल जी अग्रवाल ने इस कचौरी की दुकान की शुरुआत की जिसके बाद आज मैने उनके साथ मिल कर इस काम को बखुभी संभाल रखा है.समय बदलता रहा पर यहां का स्वाद आज भी वहीं है.
यहा इनमें जो मसाले डाले जाते है. उनकी खुशबू इतनी लाजवाब होती है कि आपका पेट भले ही भर जाए पर मन हमेशा और खाने की इच्छा करता रहेगा. यहां की खासियत है की यहां आपके जायके के साथ साथ आपके स्वास्थ का भी ख्याल रखा जाता है.
अगर आप स्ट्रीट फूड कचौरी- समोसा खाने के शौकीन हैं तो आप जयपुर के किसी भी छोर पर अच्छी कचौरी समोसे की दुकान के बारे में बात करेंगे तो वह आपको पलभर में कमल नमकीन भंडार वालों का नाम और पता बता देगा. कमल नमकीन भंडार जयपुर में खाने-पीने के मामले में मशहूर नाम है.