-छोटीकाशी के मंदिरों में रही आयोजनों की धूम
जयपुर(जे.पी शर्मा) माघ शुक्ल पंचमी बुधवार को बसंत पंचमी के रूप में मनाई गई। ज्ञान, संगीत, कला, विद्या की देवी मां सरस्वती का भावभरा आह्वान कर वेद मंत्रोच्चार के साथ सोडशोपचार पूजन किया गया। अखिल विश्व गायत्री परिवार के सभी शक्तिपीठ और चेतना केन्द्रों में बुधवार को बसंत पंचमी महोत्सव धूमधाम से मनाया गया। पर्व पूजन के उपलक्ष्य में मां सरस्वती, वाहन मोर, वाद्य यंत्र वीणा का विशेष पूजन किया गया। सभी प्रज्ञा संस्थानों में छोटे बच्चों का विद्यारंभ संस्कार करवाया गया। बड़ी संख्या में मंत्र दीक्षा, यज्ञोपवीत, पुंसवन संस्कार भी कराए गए।
गायत्री परिवार राजस्थान के प्रभारी ओमप्रकाश अग्रवाल ने बताया कि ब्रह्मपुरी स्थित गायत्री शक्तिपीठ में देवपूजन के बाद पांच कुंडीय गायत्री महायज्ञ में विश्व कल्याण की कामना के साथ आहुतियां अर्पित की गई। व्यासपीठ से डॉ. रेखा श्री वास्तव, गायत्री कचोलिया, गायत्री तोमर, दिनेश आचार्य ने विधि विधान से यज्ञ संपन्न करवाया। व्यवस्थापक सोहन लाल शर्मा, सह व्यवस्थापक मणिशंकर चौधरी एवं अन्य ने समाधि स्थल का पूजन किया।
किरण पथ मानसरोवर स्थित गायत्री वेदना निवारण केन्द्र में पर्व पूजन और नौ कुंडीय गायत्री यज्ञ में सरस्वती गायत्री महामंत्र के साथ विशेष आहुतियां अर्पित की गई।इस मौके पर गायत्री परिवार की संस्थापक भगवती देवी शर्मा माताजी एवं अखंड दीप जन्म शताब्दी साधना का संकल्प भी करवाया गया। सांगानेर स्थित गायत्री शक्तिपीठ वाटिका में बसंत पंचमी उत्सव के अंतर्गत सुबह देवपूजन के बाद पांच कुंडीय गायत्री महायज्ञ हुआ। शक्तिपीठ के व्यवस्थापक रणवीर सिंह चौधरी ने बताया कि इस मौके पर दीक्षा, पुंसवन, यज्ञोपवीत, जन्म दिवस सहित अन्य संस्कार भी कराए गए। गायत्री शक्तिपीठ कालवाड़ में बसंत पंचमी उत्सव मनाया गया।
मुख्य ट्रस्टी धर्मसिंह ने बताया कि बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं ने भाग लिया। जनता कॉलोनी, दुर्गापुरा, मुरलीपुरा, वैशालीनगर, प्रतापनगर, गांधीनगर स्थित गायत्री चेतना केन्द्र में बसंत पंचमी पर्व गायत्री परिवार के संस्थापक पं. श्रीराम शर्मा आचार्य के आध्यात्मिक जन्म दिवस के रूप में मनाया गया। गायत्री चेतना केन्द्र मुरलीपुरा की ओर से विकास नगर विस्तार के श्री राधा कृष्ण मंदिर में बड़ी संख्या में बच्चों ने सरस्वती गायत्री मंत्र के साथ खीर से आहुतियां अर्पित की।