राजधानी जयपुर जिले के रूप रविवार को रहा कोटपूतली का अन्तिम दिन
सोमवार को राजकीय एलबीएस पी.जी. महाविधालय में आयोजित होगा जिला स्थापना कार्यक्रम
जिला प्रभारी मंत्री शांति कुमार धारीवाल आयेगें कोटपूतली
समारोह स्थल पर लगाया 100 x 300 वर्ग फिट का वॉटरपु्रफ टैण्ट
कोटपूतली:(मनोज पंडित)
मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने विगत 17 मार्च को राजस्थान विधानसभा में बजट सत्र के दौरान राज्य सरकार के अन्तिम बजट के वित्त एवं विनियोग विधेयक पर चर्चा के दौरान प्रदेश में 19 नये जिले गठित किये जाने की घोषणा की थी। जिसमें कोटपूतली-बहरोड़ को भी नवीन जिला घोषित किया गया था। इससे प्रदेश में जिलों की संख्या बढकऱ 50 हो गई। घोषणा के बाद प्रशासन समेत पुलिस एवं विभिन्न विभागों के ओएसडी की तैनाती नवीन घोषित जिलों में की गई थी। इसी क्रम में शुक्रवार 04 अगस्त को मुख्यमंत्री गहलोत ने सीएमआर पर कैबिनेट की बैठक कर जिले के प्रस्ताव को अन्तिम रूप देते हुए अधिसूचना जारी किये जाने की घोषणा भी की थी। मुख्यमंत्री की घोषणा के अनुरूप ही सोमवार 07 अगस्त को सभी नवगठित जिलों में जिला स्थापना कार्यक्रम आयोजित किये जा रहे है।
कोटपूतली- बहरोड़ जिले का जिला स्थापना कार्यक्रम का मुख्य समारोह कस्बा स्थित राजकीय एलबीएस पीजी महाविधालय के खेल मैदान पर आयोजित होगा। इसके लिए खेल मैदान पर 100 x 300 वर्ग फिट का वॉटरपु्रफ टैण्ट लगाया गया है। रविवार शाम समाचार लिखे जाने तक नगर परिषद के कार्मिक व्यवस्थाओं को अन्तिम रूप दे रहे थे। वहीं पुलिस प्रशासन के अधिकारी भी आयोजन की तैयारियों में जुटे हुए थे। एडीएम रविन्द्र शर्मा ने बताया कि सोमवार को जिला प्रभारी मंत्री शांति कुमार धारीवाल सडक़ मार्ग से कोटपूतली आयेगें। वे राजकीय एलबीएस पी.जी. महाविधालय में नवगठित जिला कोटपूतली-बहरोड़ की प्रशासनिक ओएसडी आईएएस शुभम चौधरी को बतौर जिला कलक्टर व पुलिस ओएसडी आईपीएस डॉ. रंजिता शर्मा को बतौर जिला पुलिस एसपी कार्यभार ग्रहण करवायेगें।
कार्यक्रम में क्षेत्रीय विधायक, उच्च शिक्षा व गृह राज्यमंत्री राजेन्द्र सिंह यादव समेत कैबिनेट मंत्री व बानसूर विधायक शकुन्तला रावत, विराटनगर विधायक इन्द्राज गुर्जर, बहरोड़ विधायक बलजीत यादव, नगर परिषद सभापति पुष्पा सैनी समेत बड़ी संख्या में जनप्रतिनिधि, अधिकारी व अतिथिगण भाग लेगें। समारोह में 05 से 07 हजार लोगों के बैठने की व्यवस्था की गई है। समारोह को मुख्यमंत्री अशोक गहलोत भी वर्चुअली सम्बोधित करेगें। इस मौके पर विशेष सर्वधर्म प्रार्थना सभा का आयोजन भी होगा। समारोह से पूर्व यहाँ के ऐतिहासिक आजाद चौक स्थित कचहरी परिसर के श्रीराम लीला मंच पर हवन यज्ञ का आयोजन भी होगा। जिला स्थापना कार्यक्रम को लेकर एडीएम रविन्द्र शर्मा, एसडीएम सूर्यकांत शर्मा, तहसीलदार अभिषेक सिंह, नगर परिषद आयुक्त फतेह सिंह मीणा, एएसपी विधा प्रकाश, डीएसपी मदन लाल जैफ समेत अन्य अधिकारी भी लगातार तैयारियों में जुटे रहे।
स्थानान्तरित किये गये अधिकारी भी जिला स्थापना कार्यक्रम के पश्चात् सम्भवतया: मंगलवार को रिलीव हो पायेगें। समारोह के लिए ओएसडी आईएएस शुभम चौधरी ने एडीएम रविन्द्र शर्मा को आयोजन प्रभारी व जिले के सभी उपखण्ड अधिकारियों को सह प्रभारी बनाया है। पुलिस एएसपी विधा प्रकाश को सुरक्षा के साथ-साथ पार्किंग, कानून व्यवस्था प्रोटोकॉल की जिम्मेदारियां दी गई है। अतिथियों को निमंत्रण पत्र से आमंत्रित किया जा रहा है। वहीं दुसरी ओर कोटपूतली-बहरोड़ जिले के अस्थाई कार्यालय के रूप में नगर परिषद भवन पर बोर्ड भी रविवार को लगा दिये गये।
जिला प्रशासन की प्रशासनिक एवं वित्तीय स्वीकृति जारी :- कार्यभार ग्रहण करने से पूर्व राज्य सरकार द्वारा कोटपूतली-बहरोड़ जिले के जिला प्रशासन की प्रशासनिक एवं वित्तीय स्वीकृति जारी कर दी गई है। इसमें जिला कलक्टर का एक, लेखा अधिकारी का एक, सहायक लेखा अधिकारी एक, अतिरिक्त निजी सचिव एक, निजी सहायक एक, उपविधि परार्मशी एक, कनिष्ठ विधि अधिकारी एक, सहायक राजस्व लेखा अधिकारी दो, तहसील राजस्व लेखाकार एक, संस्थापन अधिकारी एक, प्रशासनिक अधिकारी दो, अति. प्रशासनिक अधिकारी दो, सहायक प्रशासनिक अधिकारी तीन, वरिष्ठ सहायक चार, कनिष्ठ सहायक आठ, सूचना सहायक तीन एवं एक जमादार व होम गार्ड एवं रेस्को के माध्यम से 15 चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों को मिलाकर जिला प्रशासन के कुल 34 पद स्वीकृत किये गये है।
कोटपूतली अब खुद मुख्त्यार :- कोटपूतली-बहरोड़ जिले की प्रशासनिक ओएसडी आईएएस शुभम चौधरी के बतौर जिला कलक्टर कार्यभार ग्रहण करते ही प्रशासनिक दृष्टि से कोटपूतली जयपुर जिले से अलग हो जायेगा। इसे ऐतिहासिक दृष्टि से देखा जाये तो बतौर जिले के रूप में राजधानी जयपुर में रविवार का दिन कोटपूतली का आखिरी दिन रहा। जिस तरह से किसी परिवार का बंटवारा होता है उसी तरह से जिले के रूप में कोटपूतली अलग होकर अब मुख्त्यार हो जायेगा। इसे अपनी ढ़पली-अपना राग कहा जा सकता है। बतौर जिला मुख्यालय कोटपूतली का राजधानी जयपुर से आजादी के बाद से ही 75 वर्षो का साथ रहा। इसे महज सहयोग कहा जायेगा कि जिले के रूप में संघर्ष कर कोटपूतली आजादी के अमृत वर्ष में राजधानी जयपुर से अलग हुआ।
हालांकि बतौर जिला राजधानी जयपुर का भाग रहना भी यहाँ के वासियों के लिए गर्व का विषय ही रहा। देश की राजधानी दिल्ली एवं प्रदेश की राजधानी जयपुर के बीच कोटपूतली अपना अलग वजूद हमेशा से ही रखता आया है। इस सम्बंध में क्षेत्रीय विधायक व गृह राज्यमंत्री राजेन्द्र सिंह यादव का कहना है कि जिला बनने से लम्बे समय से चली आ रही माँग पुरी हुई है। इससे कोटपूतली के विकास को नई गति मिलेगी। प्रस्तावित जिला मुख्यालय से लेकर कस्बे तक का विकास तेजी से होगा। वर्तमान में जयपुर जिले के कई गाँवों की दुरी जिला मुख्यालय से 140 किमी तक दुर थी। ऐसे में दुरी कम होने से इसका लाभ ग्रामीण जनता को मिलेगा।
खेतड़ी रियासत के साथ शुरू हुई कोटपूतली की कहानी :- ऐतिहासिक दृष्टि से देखा जाये तो कोटपूतली हमेशा से ही अपनी स्वतंत्र पहचान रखता आया है। कोटपूतली की स्थापना भी खेतड़ी रियासत के साथ ही आज के लगभग 600 से अधिक वर्ष पूर्व हुई। रियासतकाल में कोटपूतली खेतड़ी रियासत का परगना कहलाता था जिसे आज की भाषा में जिला कहा जा सकता है। हालांकि खेतड़ी रियासत में आने के कारण बतौर स्टेट आजादी से पहले कोटपूतली क्रमश: जयपुर व पटीयाला स्टेट का भी भाग रहा एवं दोनों ही स्टेटों को रियासती लगान (कर) चुकाता रहा।
कोटपूतली ने बतौर राजस्व मराठों को भी कर दिया है। 17 व 18 वीं सदी के लगभग यहाँ मराठों का भी पड़ाव रहा। आजादी से पहले युग पुरूष स्वामी विवेकानंद, स्वतंत्रता सेनानी पं. चन्द्रशेखर आजाद जैसी महान विभुतियों के चरण भी कोटपूतली की धरती पर पड़े। आजादी के बाद जयपुर जिले के भाग के रूप में कोटपूतली के कर व राजस्व की गिनती जयपुर जिले में ही होती रही। लेकिन अब कोटपूतली राजस्व के रूप में भी अपनी अलग पहचान रखेगा। सोमवार को होने वाले जिला स्थापना कार्यक्रम को लेकर भी यहाँ के लोगों में उत्साह का माहौल है।
12 लाख से अधिक लोगों का बदलेगा स्थाई पता :- कोटपूतली-बहरोड़ जिले के अस्तित्व में आने के बाद वर्ष 2011 की जनसंख्या के अनुसार इसमें शामिल होने वाले 08 तहसीलों के कुल 12 लाख 96 हजार 477 लोगों का स्थाई पता बदल जायेगा। इससे लोगों के आधार कार्ड से लेकर जनआधार, वोटर आईडी, ड्राईविंग लाईसेंस, पासपोर्ट सहित अन्य दस्तावेजों में बदलाव होगा। जिनमें वर्तमान जिले जयपुर व अलवर के स्थान पर कोटपूतली-बहरोड़ लिखा जायेगा।
अधिसूचना के अनुसार कोटपूतली-बहरोड़ जिले में 08 तहसीलें, 07 उपखण्ड व 04 विधानसभायें शामिल होगी। इनमें बहरोड़, बानसूर, नीमराणा, मांढ़ण, नारायणपुर, कोटपूतली, विराटनगर व पावटा तहसील समेत बहरोड़, बानसूर, नीमराणा, नारायणपुर, कोटपूतली, विराटनगर व पावटा उपखण्ड एवं कोटपूतली, बहरोड़, बानसूर व विराटनगर विधानसभा शामिल होगी। जिला मुख्यालय निर्माण के लिए कोटपूतली के पनियाला के पास कालुहेड़ा में जमीन आवंटित की गई है। जहाँ मिनी सचिवालय का निर्माण होगा। यहाँ पर 03.75 करोड़ रूपयों की लागत से जिला परिवहन कार्यालय का निर्माण शुरू हो चुका है। साथ ही मिनी सचिवालय के लिए 50 बीघा जमीन, पुलिस लाईन के लिए 80 बीघा जमीन आवंटित कर दी गई है।
इनके निर्माण के लिए क्रमश: मिनी सचिवालय हेतु 89 करोड़, पुलिस लाईन व एसपी कार्यालय के लिए 122 करोड़ व अन्य जिला स्तरीय कार्यालयों के लिए 200 करोड़ रूपयों की जरूरत पड़ेगी। यहाँ करीब 15 विभागों के जिला स्तरीय कार्यालय पहले से संचालित है। अब इनकी संख्या बढकऱ 50 से अधिक हो जायेगी।
प्रस्तावित जिला मुख्यालय पनियाला के पास जयपुर-दिल्ली राजमार्ग के अलावा पनियाला से अम्बाला का निर्माण हो चुका है। वहीं पनियाला से बड़ौदा मेव का निर्माण जारी है।