एक मशहूर गीत ‘अपने लिए जिए तो क्या जिए, तू जी ए दिल जमाने के लिए’ यह गीत युवा समाजसेवी शिवजी राम यादव पर फिट बैठता है। वह गरीब बच्चों को कापी, कलम और पेंसिल तक देते हैं। इतना ही नहीं शिवजी राम यादव पिछले लंबे समय से जरूरतमंद लोगों की मदद कर मानवता की मिसाल पेश कर रहे हैं।
वही सर्दी में संपन्न परिवार के लोगों की हालत खराब है, तो ऐसे में सड़कों पर और झुग्गी झोपड़ियों में रहने वाले गरीबों की और उनके बच्चों की क्या हालत होगी इसी दर्द को समझते हुए शिवजी राम यादव ने गरीबों में स्वेटर, जैकेट बांटने का जो काम किया है। वह सराहनीय कदम है।
वही शिक्षा के क्षेत्र में कक्षा 1 से 12 तक के स्कूल का संचालन कर ग्रामीण क्षेत्र के बच्चों को बेहतर शिक्षा प्रदान करने का प्रयास कर रहे हैं जिसमें गरीब वर्ग के बच्चों को निशुल्क एवं विशेष छूट के साथ गुणवत्तापूर्ण शिक्षा एवं कंप्यूटर जैसी तकनीकी शिक्षा प्राप्त करने का अवसर दे रहे हैं 10,000 से अधिक किशोरी बालिकाओं को जीवन कौशल शिक्षा, यौन एवं प्रजनन स्वास्थ्य शिक्षा, रोजगार उन्मुखी शिक्षा एवं वित्तीय साक्षरता प्रदान कार उन्हें सशक्त बनाने पर कार्य किया है ।
उन्हें अपने जीवन से जुड़े हुए महत्वपूर्ण विषयों पर निर्णय लेने एवं अपने सपनों को पूरा करने के लिए तैयार किया है वही कोविड-19 माहमारी के दौरान जरूरतमंद परिवारों की पहचान कर उन्हें खाद्य सामग्री कीट वितरण करवाने, बालिकाओं को गरिमा कीट जिसमें सेनेटरी नैपकिन, साबुन,सैनिटाइजर मास्क इत्यादि वितरित करवाने का कार्य किया । साथ ही माहमारी के दौरान आइसोलेशन केंद्र का संचालन कर कोविड-19 से ग्रसित व्यक्तियों को परामर्श व उपचार सेवा प्रदान कर सराहनीय कार्य किया है।
शिवजी राम यादव ने कहा कि हम लोग अपने पूर्वजों से गरीब, असहाय लोगों की सहायता करना सीखे हैं। हमेशा यही प्रयास रहता है कि जरूरतमंद,गरीब लोग दरवाजे से खाली हाथ न लौटे।