जयपुर: राजस्थान की राजधानी जयपुर में निजी डॉक्टरों और प्राइवेट हॉस्पिटल संचालकों की भीड़ पर पुलिस ने सोमवार को जमकर लाठियां बरसाईं। निजी क्लीनिक चलाने वाले डॉक्टरों की भीड़ राजस्थान विधानसभा का घेराव करने जा रही थी, जहां ‘राइट टू हेल्थ’ पर चर्चा होने जा रही है। पुलिस ने पहले डॉक्टरों को रोकने की कोशिश की, लेकिन भीड़ के लगातार आगे बढ़ने की कोशिश करने पर पुलिस ने लाठीचार्ज कर दिया। डॉक्टर्स को गिरा-गिराकर पीटा गया, जिसमें बहुत सारे डॉक्टर घायल हो गए हैं। कई महिला डॉक्टरों ने भी राजस्थान पुलिस पर अपने साथ बदसलूकी करने का आरोप लगाया है।
जयपुर एसोसिएशन ऑफ रेजीडेंट डॉक्टर्स (जार्ड) ने भी इस आंदोलन के समर्थन में आज से काम बंद करने का एलान किया है। जयपुर जार्ड अध्यक्ष डॉ. नीरज दामोर ने बताया कि जिस तरह आंदोलन के दौरान डॉक्टर्स पर लाठियां चलाकर उन्हे घायल किया उसका हम विरोध करते है। दामोर ने कहा कि अगर सरकार आज रात तक दोषी पुलिस अधिकारियों पर कार्यवाही नहीं करेगी तो 21 मार्च से हम भी अपना सम्पूर्ण कार्य बहिष्कार करके इस आंदोलन को समर्थन देंगे।
दरअसल राजस्थान में निजी अस्पताल के संचालक और डॉक्टर लगातार राइट टू हेल्थ बिल का विरोध कर रहे हैं। पिछले दो दिन से अनिश्चितकालीन हड़ताल भी की गई। रविवार को प्रदेश के 85 फीसदी निजी अस्पताल बंद रहे। आपातकाल सेवाओं को भी बंद रखने से मरीजों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ा। डॉ. संजीव गुप्ता का कहना है कि क्वालिटी और विश्वस्तरीय चिकित्सा सुविधा मुफ्त में या सरकारी पैकेज में नहीं दी जा सकती।
निजी अस्पताल संचालकों का कहना है कि राइट टू हेल्थ बिल ना तो जनता के हित में है और ना ही डॉक्टरों के हित में है।
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