जयपुर– श्री खांडल विप्र जन कल्याण ट्रस्ट, श्री खांडल विप्र विद्यालय समिति एवं खांडल विप्र ट्रस्ट जयपुर के सौजन्य से निवारू रोड मैरिज गार्डन में उपनयन जनेऊ संस्कार कार्यक्रम डॉक्टर राघवाचार्य जी वेदांती एवं स्वामी श्री बालमुकुंदाचार्य महाराज हाथोज धाम के सानिध्य में आयोजित किया गया।
इस जनेऊ संस्कार में 151 वैदिक विद्वानों के द्वारा 277 ब्रह्मचारी बटुक का उपनयन संस्कार मंत्रोचार के साथ संपन्न हुआ।
इस अवसर पर स्वामी श्री बालमुकुंदाचार्य जी महाराज ने कहा कि सनातन परंपरा में वैसे तो कई रीति-रिवाज होते हैं लेकिन उनमें से यज्ञोपवीत संस्कार सबसे पवित्र और महत्वपूर्ण माना जाता है. ‘यज्ञोपवीत’ को जनेऊ के नाम से भी जाना जाता है।
इस संस्कार के तहत सूत से बने तीन धागों वाले यज्ञोपवीत को धारण किया जाता है। जो भी इसको पहनता है उसको कई नियमों का पालन भी करना पड़ता है। मान्यता है कि इसको धारण करने से मनुष्य के द्वारा किए गए पाप नष्ट हो जाते हैं।