पीडि़त परिवारों ने मुख्यमंत्री अशोक गहलोत से लगाई न्याय की गुहार
मुख्यमंत्री कार्यालय ने जिला कलक्टर से मांगी रिपोर्ट
कोटपूतली:(मनोज पंडित)
निकटवर्ती ग्राम पंचायत रामसिंहपुरा के ग्राम खरकड़ी में एससी, एसटी वर्ग के 150 गरीब परिवारों के पट्टेशुदा भूखण्डों पर दबंगों द्वारा अवैध कब्जा किये जाने का गंभीर प्रकरण सामने आया है। इस सम्बंध में पीडि़त परिवारों ने मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की जन सुनवाई में जयपुर जाकर गुहार लगाई है। जिस पर मुख्यमंत्री कार्यालय की ओर से जिला कलक्टर से मामले में रिपोर्ट भी तलब की गई है।
मुख्यमंत्री को सौंपे गये ज्ञापन में ग्राम खरकड़ी निवासी पीडि़त सतीश कुमार आर्य, सुभाष, शशीकांत, रविकांत, जोगेन्द्र, राजेश, मुकेश, संजय, फूलचंद समेत बड़ी संख्या में पीडि़तों ने अवगत करवाया कि ग्राम पंचायत की ओर से एससी, एसटी के गरीब परिवारों को भूमि का आंवटन कर दिनांक 07 नवम्बर 2019 को पट्टे जारी कर दिये गये थे।
आबादी क्षेत्र से लगती उक्त भूमि को शेरसिंह, गिरधारी, मातादीन आदि समस्त जाति जाट ने अपनी खातेदारी की कृषि भूमि में भूखण्डों को मिला लिया। इस पर ग्राम पंचायत सरपंच व सचिव को घटना से अवगत करवाया तो उन्होंने अपने सजातिय लोगों पर कार्यवाही करने की बजाय पट्टों को निरस्त करने की धमकी दी। जबकि समस्त पट्टे उप पंजीयक द्वारा रजिस्टर्ड भी किये गये है। सरपंच ने अपने खास मिलने वाले लोगों के तो मकान बनवा दिये, बाकि के भूखण्डों को खेत में मिलवा दिया।
ज्ञापन में बताया कि ग्राम पंचायत की ओर से पूर्व में 150 पट्टे एससी, एसटी परिवारो को जारी किये गये थे। जिन पर अब कब्जा कर लिया गया है। यह पीडि़त परिवारो के साथ घोर अन्याय है। एक ओर जहां राज्य सरकार विशेष अभियान चलाकर गरीब दलित परिवारों को उनके आंवटित भूखण्डों के आवासीय पट्टे देकर पुर्नवास की व्यवस्था कर रहे है। वहीं दुसरी ओर दलित परिवारों के आवासीय भूखण्डों पर दबंग कब्जा कर उनके घर को उजाडऩे पर तुले हुए है। उक्त भूखण्ड ग्राम खरकड़ी के अन्तर्गत नगर परिषद कोटपूतली के अधीन आते है।
ज्ञापन में कड़ी कानूनी कार्यवाही कर पीडि़त परिवारों को उनके भूखण्डों का कब्जा दिलवाने की मांग की गई है। पीडि़त परिवारों की ओर से ज्ञापन की प्रतिलिपि मुख्य सचिव, पंचायती राज सचिव, सम्भागीय आयुक्त, जिला कलक्टर, एसडीएम कोटपूतली, पंचायत समिति विकास अधिकारी व नगर परिषद कोटपूतली के आयुक्त को भी भेजी गई है।
वहीं मुख्यमंत्री कार्यालय द्वारा इस सम्बंध में जिला कलक्टर को पत्र भेजकर अविलम्ब तथ्यात्मक टिप्पणी व रिपोर्ट भिजवाने के लिए निर्देशित किया गया है।