उत्तरी क्षेत्र में हो रही बर्फबारी और शीतलहर का असर अब कोटपूतली क्षेत्र में भी देखने को मिल रहा है। शीतलहर और कड़ाके की सर्दी से जनजीवन अस्त व्यस्त है। कोटपूतली में शनिवार दिन में तापमान 17 डिग्री सेल्सियस रहा। वहीं रात न्यूनतम तापमान 3 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। यही कारण है कि रविवार सुबह जब किसान खेतों में पहुंचे तो उन्हें फसलों पर ओंस की बूंदें जमी नजर आई। ग्रामीण क्षेत्र में खुले में रखे पानी, फसलों पर बर्फ की चादर जमी नजर आई।
पाले के प्रभाव से फल मर जाते है और फूल झड़ने लगते है। प्रभावित फसल का हरा रंग समाप्त हो जाता है। पत्तियों का रंग मिट्टी के रंग जैसा दिखता है। ऐसे में पौधों के पत्ते सड़ने से बैक्टीरिया से होने वाली बीमारियों का प्रकोप बढ़ जाता है। सब्जियों पर पाले का प्रभाव अधिक होता है। फलदार पौधे पपीता, आम में इसका प्रभाव अधिक पाया गया है। शीत ऋतु वाले पौधे 2 डिग्री सेंटीग्रेड तक का तापमान सहने में सक्षम होते है। इससे कम तापमान होने पर पौधे के बाहर और अन्दर की कोशिकाओं में बर्फ जम जाती है। पाला पहाड़ के बीच के क्षेत्रों में अधिक पड़ता है।
तहलका डॉट न्यूज़