जयपुर– 25 दिसम्बर 2022 राज्य सरकार की कर्मचारी विरोधी नीतियों एवं संवादहीनता के विरोध में अखिल राजस्थान राज्य कर्मचारी संयुक्त महासंघ ने राज्यव्यापी आंदोलन का निर्णय लिया है। आज खण्डेलवाल ऑडिटोरियम, वैशाली नगर जयपुर में महासंघ का ‘‘संघर्ष चेतना महाधिवेशन’’ सम्पन्न हुआ, जिसमें महासंघ से सम्बद्ध 82 घटक संगठनों के हजारों पदाधिकारियों ने भाग लिया। महासंघ की संघर्ष समिति के प्रदेश संघर्ष संयोजक महावीर प्रसाद शर्मा एवं सचिव अर्जुन शर्मा ने बताया कि राज्य सरकार लगातार कर्मचारियों की उपेक्षा कर रही है एवं लिखित समझौतो से मुकर रही है जिससे प्रदेश के लाखों कर्मचारी स्वंय को ठगा सा महसूस कर रहे है। राज्य सरकार बडे-बडे विज्ञापनों के माध्यम से आम-जन में यह भ्रम फैला रही है कि राज्य कर्मचारियों की कोई मांग शेष नहीं रही है, जबकि वास्तविकता इसके ठीक विपरीत है। राज्य सरकार कर्मचारियों के साथ छलावा कर रही है जिसको बर्दाश्त नहीं किया जावेगा। प्रदेश का कर्मचारी राज्य सरकार की चालाकी को समझ गया है एवं सरकार से दो-दो हाथ करने को तैयार है। सरकार द्वारा विगत 4 वर्षों में महासंघ से एक बार भी संवाद कायम नहीं किया गया जो कि लोकतांत्रिक परम्पराओं के विपरीत है। अखिल राजस्थान राज्य कर्मचारी संयुक्त महासंघ प्रदेश के राज्य कर्मचारी, बोर्ड, निगम, स्वायत्तशाषी संस्थाओं, सहकारी संस्थाओं, पंचायती राज एवं अस्थायी व्यवस्था के अन्तर्गत कार्यरत 8 लाख कार्मिकों का प्रतिनिधित्व करता है। राज्य सरकार ने चुनाव पूर्व जारी किये गये जन घोषणा-पत्र के एक भी बिन्दू की पालना नहीं कर अपने ही वायदों से मुकर रही है। राज्य सरकार द्वारा घोषित राजस्थान संविदा नियम 2022 विरोधाभाषी कानून हैं। राज्य सरकार ने इस प्रकार के नियम संविदा कार्मिकों को भविष्य में स्थायी कर्मचारी बनने के सभी रास्ते बंद कर दिये है। संविदा नियम 2022 प्रदेश में आजादी के बाद कर्मचारियों/श्रमिकों पर सबसे बडा हमला है, जिसका महासंघ पुरजोर विरोध करता है। महासंघ के प्रदेशाध्यक्ष आयुदान सिंह कविया एवं प्रदेश महामंत्री तेजसिंह राठौड ने अधिवेशन को सम्बोधित करते हुए कहा कि राज्य सरकार नौकरशाहों के चुंगल में फंस गयी है, नौकरशाह सरकार की छवि खराब कराने में लगे हुए है। राज्य के मुख्यमंत्री धृतराष्ट्र की भूमिका में है। महासंघ से सम्बद्ध विभिन्न संवर्गो द्वारा किये गये आंदोलनों में सरकार व संगठनों के मध्य हुए लिखित समझौतो/सहमतियों को लागू नहीं किया जा रहा है, जिससे राज्य कर्मचारियों में सरकार के प्रति भयंकर असंतोष व आक्रोश व्याप्त है। साथ ही सरकार ने समय रहते महासंघ के 15 सूत्रीय मांग पत्र पर द्विपक्षीय वार्ता आयोजित कर मांगो का निराकरण नहीं किया तो राज्य कर्मचारी आम हडताल जैसा कदम उठाने के लिए विवश होंगे एवं वर्ष 1999-2000 में हुई आम हडताल की पुनरावृत्ति होगी, जिसकी समस्त जिम्मेदारी राज्य सरकार की होगी। राज्य सरकार द्वारा कर्मचारियों की समस्याओं के निराकरण हेतु कमेटियों का गठन किया गया है जो हास्यास्पद है। विगत सरकार द्वारा गठित डी.सी. सामंत कमेटी की रिपोर्ट उजागर किये बगैर ही खेमराज कमेटी का गठन किया गया जिसकी रिपोर्ट आज दिवस तक लम्बित है। महासंघ का यह मंतव्य है कि राज्य कर्मचारियों की समस्याओं का समाधान महासंघ एवं सरकार के मध्य द्विपक्षीय वार्ता के माध्यम से किया जावें। कमेटियों पर किये जा रहे निष्फल व्यय से प्रदेश को राजकीय कोषीय घाटा होता है।
मुख्य मांगेः-1. कर्मचारियों की वेतन विसंगति दूर कर वर्ष 2013 की अनुसूची 5 के अनुसार सातवें वेतन आयोग में वेतन निर्धारण किया जावे तथा न्यूनतम वेतन 26000 किया जावे ।2. 9,18 एवं 27 वर्ष की सेवा पर एसीपी के स्थान पर 7,14,21, एवं 28 वर्ष की सेवा पर पदोन्नति पद का वेतनमान स्वीकृत किया जावे। 3. विभिन्न कर्मचारी संगठनों द्वारा किए गए समझौतों एवं सहमतियों को लागू किया जावे ।4. सहायक कर्मचारियों को एमटीएस घोषित किया जावे।5. नियमित पदों पर संविदा कार्मिकों के भर्ती के लिए जारी संविदा नियम 2022 को प्रत्याहारित कर रिक्त पदों पर नियुक्त संविदा कार्मिकों अस्थाई कार्मिकों को नियमित किया जावे।6. परादर्शी स्थानांतरण नीति जारी की जावे।7. प्रदेश में लागू की गई पुरानी पेंशन योजना के पश्चात कर्मचारियों के एनपीएस की राशि जी पी एफ खाते में स्थानांतरित की जावे तथा कर्मचारियों द्वारा लिए गए ऋण की वसूली के जारी आदेशों को प्रत्याहारित किया जावे।8. प्रदेश के मंत्रालयिक कर्मचारियों को शासन सचिवालय के समान वेतन भत्ते स्वीकृत किए जावे।9. कर्मचारी संगठनों के धरना प्रदर्शन पर रोक के लिए सरकार द्वारा ऋऋ अलोकतांत्रिक निर्णय कर जारी किए गए नो वर्क नो पे के आदेश दिनांक 05.10.2018 को प्रत्याहरित किया जावे।अधिवेशन को महासंघ के प्रमुख पदाधिकारियों मूलचन्द गुर्जर (राजस्थान शिक्षक एवं पंचायती राज कर्मचारी संघ), बन्नाराम चौधरी (राजस्थान शिक्षक संघ-प्रगतिशील), महावीर सिहाग (राजस्थान शिक्षक संघ-शेखावत), नरेन्द्र सिंह कविया (राजस्थान पटवार संघ), ओम प्रकाष शर्मा, पूर्व प्रदेषाध्यक्ष महासंघ, एस.पी. सिंह (राजस्थान कानूनगो संघ), प्यारेलाल चौधरी (राजस्थान नर्सेज एसोसियेशन), अजय सैनी (राजस्थान पशु चिकित्सा कर्मचारी संघ), आनन्द सिंह (राजस्थान कृषि पर्यक्षक संगठन), हरलाल चौधरी (राजस्थान कृषि स्नातक कर्मचारी संघ), दशरथ सिंह (राजस्थान हाउसिंग बोर्ड कर्मचारी संघ), दीपक शर्मा (राजस्थान अधिनस्थ एवं सांख्यिकी कर्मचारी संघ), सुरेश धाबाई (राजस्थान मिनिस्ट्रीयल एसोसियेशन), रामगोपाल शर्मा (राजस्थान अतिरिक्त एवं सहायक विकास अधिकारी संघ), नरेन्द्र पारीक (राजस्थान डेयरी कर्मचारी महासंघ), रामनिवास चौधरी (राजस्थान वाहन चालक तकनीकी कर्मचारी संघ), महेन्द्र कुमार तिवारी (राजस्थान आयुर्वेद परिचारक संघ), शमीम कुरेशी (राजस्थान प्रांतीय नल मजदूर कर्मचारी संघ), देवी सिंह (राजस्थान सहायक कर्मचारी संघ), हापुराम चौधरी (राजस्थान शारिरिक शिक्षक संघ), धर्मेन्द्र फौगाट (राजस्थान आयुर्वेद नर्सेज एसोसियेशन), कपिल चौधरी (राजस्थान कम्प्यूटर अधिनस्थ कर्मचारी संघ), भगराज खोत (राजस्थान शिक्षक संघ-प्रगतिशील), भुपेन्द्र सिंह जादौन (राजस्थान वन अधिनस्थ कर्मचारी संघ), फैलीराम मीना (राजस्थान शिक्षक संघ-शेखावत), मदन मोहन मिश्रा (गंगानगर शुगर मील कर्मचारी यूनियन), मनोज सक्सेना (राजस्थान मंत्रालयिक कर्मचारी महासंघ), कमला मीणा प्रदेषाध्यक्ष ए.एन.एम./एलएचवी, प्रहलाद मीणा (राजस्थान पशुपालन सहायक तकनीकी कर्मचारी संघ), सोनु शर्मा, योगेन्द्र सिंह शेखावत (राजस्थान अधिनस्थ एवं सांख्यिकी कर्मचारी संघ), महेष शर्मा, आयुर्वेद मंत्रालयिक कर्मचारी संघ सहित 82 संगठनों के पदाधिकारियों ने भाग लिया। आंदोलन के कार्यक्रम घोषित1. ब्लॉक स्तर पर संघर्ष समितियों/तहसील उपषाखाओं/विभागीय समितियों का गठन दिनांक 28 दिसम्बर से 31 दिसम्बर 2022।2. जिला स्तर पर संघर्ष चेतना बैठकें दिनांक 28 दिसम्बर से 31 दिसम्बर 2022।3. समस्त जिला मुख्यालयों पर प्रदेष पदाधिकारियों द्वारा संघर्ष चेतना यात्रा दिनांक 4 जनवरी 2023 से 6 जनवरी 2023।4. समस्त ब्लॉक स्तर पर धरना/प्रदर्षन दिनांक 11 जनवरी 2023।5. समस्त जिला मुख्यालयों पर हजारों वाहनों से आक्रोष रेली 18 जनवरी 2023।6. राजधानी जयपुर में विशाल महाआक्रोष महारैली दिनांक 23 जनवरी 2023 को आयोजित की जाएगी।
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