September 22, 2024

विगत 27 दिनों से बदस्तुर जारी थी अनिश्चितकालीन सामुहिक हड़ताल

कोटपूतली:(संजय जोशी)

विगत 09 नवम्बर की रात्रि को राजधानी जयपुर के भांकरोटा थाना क्षेत्र स्थित विशिष्ठ न्यायाधीश (एनडीपीएस) कृष्ण स्वरूप चलाना, जयपुर महानगर प्रथम के निजी निवास पर सहायक न्यायिक कर्मचारी सुभाष मेहरा (34) द्वारा आत्मदाह कर आत्म हत्या कर लेने के प्रकरण में विगत 27 दिनों से अनिश्चितकालीन सामुहिक हड़ताल पर बैठे न्यायिक कर्मचारी गुरूवार को अपने कार्य पर लौट आये। कर्मचारियों के काम पर लौटने के बाद न्यायालय में रौनक देखी गई।

उल्लेखनीय है कि राजस्थान न्यायिक कर्मचारी संघ के बैनर तले पिछले एक माह से जारी धरना प्रदर्शन के कारण न्यायिक कार्य लगातार ठप थे।

इस सम्बंध में राजस्थान न्यायिक कर्मचारी संघ के प्रदेशाध्यक्ष सुरेन्द्र नारायण जोशी, संयोजक नत्थुसिंह तंवर, महामंत्री सतवीर सिंह, संघर्ष समिति अध्यक्ष बद्री लाल चौधरी, वरिष्ठ मुंशीरम रामलाल चौधरी व जयपुर जिला शाखा के कार्यवाहक अध्यक्ष रामचन्द्र मीणा की बैठक राजस्थान हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश पंकज मित्तल, मुख्य सचिव उषा शर्मा, गृह सचिव आनन्द कुमार व जयपुर पुलिस कमिश्नर आनन्द श्रीवास्तव से हुई। जिसमें प्रकरण में मामला दर्ज होने के बाद 7 सुत्रीय माँगों पर सहमति बनने के बाद जयपुर में विगत 18 नवम्बर से व प्रदेश के सभी अधीनस्थ न्यायालयों में 30 नवम्बर से जारी सामुहिक हड़ताल को वापस ले लिया गया।

घटनाक्रम में विभिन्न माँगों को लेकर न्यायिक कर्मचारी संघर्ष समिति के तत्वाधान में स्थानीय अपर जिला एवं सत्र न्यायालय परिसर के समस्त न्यायिक कर्मचारियों की अनिश्चितकालीन सामुहिक हड़ताल पर घटनाक्रम की जाँच सीबीआई से करवाने के साथ-साथ सम्बंधित न्यायिक अधिकारी व उनके परिजनों एवं अन्य दोषियों के विरूद्ध विधिक एवं कानूनी कार्यवाही किये जाने एवं पीडि़त परिवार को उचित मुआवजा दिलवाने की माँग को लेकर बैठे थे। जिससे न्यायिक कार्य निरन्तर बाधित हो रहे थे एवं पक्षकारों को भारी समस्या का सामना भी करना पड़ रहा था।

गुरूवार को प्रदर्शनकारी कर्मचारी भगवत धनवाल, अशोक चौधरी, सत्येंद्र, कमलकांत, शुभम गहलोत, प्रकाश चंद, हेमन्त, सुभाष सैनी, लालचंद, नरेश, रमाकांत, हेमेंद्र, संतोष देवी, मनीष सहित अन्य कर्मचारी समझौते का स्वागत करते हुए कार्य पर लौट गये।

निम्न माँगों पर बनी सहमति :- उल्लेखनीय है कि उक्त प्रकरण में एनडीपीएस कोर्ट के जज कृष्ण स्वरूप चलाना के विरूद्ध जयपुर पश्चिम के भांकरोटा थाने में नामजद मामला दर्ज कर लिया गया था।

लेकिन आरोपी जज के विरूद्ध सीबीआई जाँच समेत अन्य बिंदुओं पर सहमति नहीं बनी थी।

मामले में मृतक के परिजनों को 50 लाख रूपये मुआवजा, एक सरकारी नौकरी, प्रदर्शनकारी कर्मचारियों के हड़ताल के दिनों को छुट्टी में समायोजित किये जाने समेत अन्य 7 बिंदुओं पर सहमति बनने के बाद न्यायिक कर्मचारी कार्य पर लौट गये।