कोटपुतली:(संजय जोशी)
विगत 09 नवम्बर की रात्रि को राजधानी जयपुर के भांकरोटा थाना क्षेत्र स्थित विशिष्ठ न्यायाधीश (एनडीपीएस) कृष्ण स्वरूप चलाना, जयपुर महानगर प्रथम के निजी निवास पर सहायक न्यायिक कर्मचारी सुभाष मेहरा (34) द्वारा आत्मदाह कर आत्म हत्या कर लेने का प्रकरण गहराता ही जा रहा है। हालांकि पुलिस इसे आत्म हत्या मान रही है।
वहीं परिजनों समेत न्यायिक कर्मचारी इसे एक निर्मम हत्या करार दे रहे है।
घटनाक्रम में विभिन्न माँगों को लेकर न्यायिक कर्मचारी संघर्ष समिति के तत्वाधान में स्थानीय अपर जिला एवं सत्र न्यायालय परिसर के समस्त न्यायिक कर्मचारियों की अनिश्चितकालीन सामुहिक हड़ताल गुरूवार को लगातार 6 वें दिन भी बदस्तुर जारी रही। न्यायिक कर्मचारियों में इस सम्बंध में कोई कार्यवाही ना होने से आक्रोश का माहौल है।
इस दौरान कर्मचारियों ने न्यायालय परिसर में धरना देते हुए घटनाक्रम की जाँच सीबीआई से करवाने के साथ-साथ सम्बंधित न्यायिक अधिकारी व उनके परिजनों एवं अन्य दोषियों के विरूद्ध विधिक एवं कानूनी कार्यवाही किये जाने एवं पीडि़त परिवार को उचित मुआवजा दिलवाने की माँग की।
कर्मचारियों का कहना था कि जब तक इस सम्बंध में प्रकरण दर्ज कर जाँच को सीबीआई को नहीं भेज दिया जाता, तब तक न्यायिक कर्मचारी सामुहिक हड़ताल पर रहेगें। धरने पर बैठे कर्मचारियों ने जमकर नारेबाजी भी की। वहीं कर्मचारियों की हड़ताल के चलते न्यायिक कार्य भी बाधित रहे। इस दौरान पक्षकारों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ा।
प्रदर्शनकारियों में भगवत धनवाल, भैंरूसिंह, सुभाष वशिष्ठ, बनवारी लाल, किशोरी लाल, राजेन्द्र, रमाकांत, संतोष कुमार, कुलदीप बैरवा, लालचंद, शुभम, सत्येन्द्र, चेतन कुमार, राजेन्द्र शर्मा, विकास, हेमेन्द्र आर्य, रवि कुमार, हरि शरण, शक्ति सिंह, सुभाष कुमावत, संतोष देवी, मनीष कुमार, रविन्द्र कुमार, सतीश कुमार सैन, अशोक कुमार यादव, प्रकाश चंद, संतोष कुमार, हेमंत कुमार, कैलाश चंद, नरेश, किशोरीलाल, शुभम, छोटे खान, मनीष, कमल, हेमेंद्र, सुभाष सैनी समेत बड़ी संख्या में न्यायिक कर्मचारी एवं अधिवक्ता मौजूद थे।
वहीं दूसरी ओर अभिभाषक संघ ने न्यायिक कर्मचारियों की मांग का समर्थन करते हुए समस्त न्यायिक कार्यो को आगामी आदेश तक स्थगित रखने का निर्णय लिया।
तहलका डॉट न्यूज