- नारेहड़ा स्टैंड पर यात्रियों के लिए सुविधाओं का अभाव, पंचायत ने भी लिया प्रस्ताव
कोटपूतली:(संजय कुमार जोशी)
एक ओर जहां बड़े शहरों में व्यवस्थित एवं सुख: सुविधा युक्त बस स्टॉप बने हुए देखने को मिलते हैं। वहीं स्टेट हाईवे पर बसे गांवों के स्टैंड पर यात्रियों के लिए स्थाई बस स्टॉप नहीं होने से यात्रियों को धूल मिट्टी के बीच बस पकड़ने के लिए भागदौड़ करनी पड़ती है। 2 हजार आबादी वाला कस्बा एवं इधर से सफर करने वाले दो दर्जन से ज्यादा गांवो के हजारो यात्रियों के लिए नारेहड़ा बस स्टैंड पर सुविधा युक्त बस स्टॉप नहीं होने से परेशानी का सामना करना पड़ता है। बस चालक कहीं पर भी बस रोक देते हैं। ऐसे में उन्हें आगे पीछे भागकर बस पकड़नी पड़ती है।
यात्रियों को यह समझ पाना मुश्किल हो जाता है कि वे कहां पर खड़े हों ताकि बस आसानी से मिल जाये। यह समस्या यहां कई वर्षो से बनी हुई है। यात्रियों की परेशानी यह है कि थोड़ी देर भी बसों का इंतजार करते हैं तो यहां पर उड़ती है धूल मिट्टी उन पर जमा हो जाती है। अगर धूल मिट्टी से बचने के चक्कर में इधर उधर खड़े हो गए तो बस निकल जाती है। ग्रामीणों का कहना है कि अगर यहां सीमेंटेड कुर्सियां के साथ ऊपर छाया की व्यवस्था जैसी सुविधा युक्त बस स्टॉप बन जाए तो यात्रियों को खड़े होने में परेशानी का सामना नहीं करना पड़ेगा।
- जगह-जगह खड़े रहते हैं यात्री
नारेहड़ा के स्टैंड पर बस के इंतजार में यात्री जगह जगह खड़े हो जाते हैं। इसका कारण बस स्टॉप के अभाव में बसो का एक निश्चित स्थान पर नहीं रुकना है। यात्रियों का कहना है कि बस चालक एक निर्धारित स्थान पर कभी बस नहीं रोकते। ऐसे में बस पकड़ने के लिए दौड़ना पड़ता है।
इस सम्बंध में सरपंच रंजू कंवर का कहना है कि हमने ग्राम पंचायत की बैठक में भी बस स्टैंड पर स्थाई बस सटॉप बनवाने एवं लंबी दूरी की बसों का ठहराव करवाने, स्टैंड की क्षतिग्रस्त सड़क का नवीनीकरण करवाने, उड़ती हुई धूल मिट्टी की समस्या का निराकरण करवाने, स्टैंड पर सड़क के दोनों ओर पानी की निकासी के लिए नाली का निर्माण करवाने का प्रस्ताव लिया है। जल्द ही आरएसआरटीसी व प्रशासन के अधिकारियों से मिलकर उक्त समस्याओ के निराकरण करवाने की मांग की जाएगी।
भाजपा पश्चिम मंडल के अध्यक्ष संजय सिंह, मनोज नारायण शर्मा, वार्ड पंच संजय कुमार जोशी सहित अनेक लोगों का कहना है कि बस स्टैंड की समस्याओ से यात्रियों को आये दिन काफी परेशानी झेलनी पड़ती है।
तहलका डॉट न्यूज