जयपुर- श्री राधा अष्टमी के पावन पर्व पर श्री दक्षिण मुखी बालाजी मंदिर में राधा जी का पंचामृत अभिषेक कर नई पोशाक धारण कराई गई एवं राधा गोविंद भगवान का भव्य दरबार सजाया गया राधा गोविंद की आरती उतार कर पंचामृत, पंजीरी प्रसाद वितरित किया गया।
स्वामी श्री बालमुकुंदाचार्य जी महाराज ने बताया कि हर वर्ष भाद्रपद मास के शुक्ल पक्ष की अष्टमी तिथि को राधा अष्टमी का व्रत रखा जाता है यह तिथि श्री कृष्ण जन्माष्टमी के 15 दिन बाद आती है। इस दिन भगवान श्री कृष्ण एवं राधा रानी के विधिवत पूजा करने से जीवन में सुख समृद्धि व खुशहाली आती है। अगर आप कृष्ण कृपा चाहते हैं और राधा जी की भक्ति जरूर करनी चाहिए जहां भगवती राधा होगी वहां भगवान कृष्ण स्वयं चले आएंगे।