November 24, 2024
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जयपुर- स्वास्थ्य विभाग द्वारा एक पत्र जारी किया गया जिसमें सभी संबर्ग के अधिशेष कार्मिकों की सूची माँगी गई है जिस पर लैब टेक्नीशियन संघ के प्रदेश अध्यक्ष जितेंद्र सिंह ने बताया की आज मुख्यमंत्री निशुल्क जांच योजना के चलते राजस्थान के पड़ोसी राज्य के मरीजों के जांच कार्य का दवाब भी प्रदेश के लैब टेक्नीशियन पर है लैब टेक्नीशियन संबर्ग मे आज भी 2008 का वर्षों पुराना स्टाफिंग पैटर्न चल रहा है जिसमे पहले से ही संस्थाबार पद जांच कार्य के दबाव के अनुकूल नहीं है वहीं 2013 से लेकर अब तक कोरोना, मुख्यमंत्री निशुल्क जांच योजना, राज्य व राष्ट्रीय जांच योजनाओ के चलते जाँच कार्य का भार अत्यधिक बड़ा है
इसके साथ ही केडर मे नियुक्तिया निदेशक अराजपत्रित स्वास्थ्य विभाग द्वारा की जाती है जहां पूरे कैडर के भर्ती से लेकर व पदोन्नति व सभी कार्यों से संबंधित सेवा नियम भी बने हुए हैं इनके विपरीत चिकित्सा शिक्षा विभाग ने कुछ माह पूर्ब एक आदेश जारी कर पहले से ही अपर्याप्त ,पदों में कटौती कर दी जबकि यह पद वित्त विभाग द्वारा 2013 में ही अनुमोदित किए जा चुके हैं जिनको निदेशक राजपत्रित के आदेश द्वारा 2016 मे ही संस्था बार IFMS की साइट पर अपलोड भी किया जा चुका है आज 5 साल बाद चिकित्सा शिक्षा के इस आदेश से आज सेकडो लैब टेक्नीशियन सवाई मानसिंह अस्पताल सहित अनेको संलग्न चिकित्सालय से लेकर प्रदेश में अधिशेष की श्रेणी में आ गए हैं
संघ के मीडिया प्रभारी संतोष शर्मा ने आक्रोश व्यक्त करते हुए बताया कि इसके लिए हमने चिकित्सा शिक्षा से लेकर के सभी सक्षम स्तर पर शिकायत दर्ज कराई लेकिन सब चुप्पी साधे हुए हैं सैकड़ों कार्मिकों ने जिनसे अधिशेष के ऑप्शन फॉर्म भरवाए जा रहे हैं लेकिन पदों के गलत वर्गीकरण को सही नहीं किया जा रहा इसको लेकर चिकित्सा शिक्षा निदेशालय पर विरोध प्रकट किया अगर इन आदेशों को संशोधित नहीं किया जाता है तो पूरे प्रदेश में लैब टेक्नीशियन को इन आदेशो के खिलाफ विरोध प्रदर्शन करना पड़ेगा।

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