जयपुर- राजस्थान लड़कियों में किशोरावस्था में माहवारी आना उनके मातृत्व की ओर बढ़ने की प्राकृतिक प्रक्रिया है इस दौरान उन्हें उचित मार्गदर्शन के साथ ही स्वच्छ सेनेटरी पैड मिलना एक जरूरत है। सेनेटरी पैड का प्रयोग करते हुए आज भी कई महिलाएँ काफी लापरवाही बरतती है . ख़ास कर गाँव और कच्ची बस्तियों में रहने वाली बालिकाएँ और महिलाएँ सेनेटरी पैड का प्रयोग नहीं करती ऐसे में इन महिलाओं के स्वास्थ्य व स्वच्छता के प्रति जागरूक करने के साथ माहवारी के दौरान नेपकीन का उपयोग करें , इसके लिए FLB टीम और मान द वैल्यू फाउंडेशन की तरफ़ से कमला 1.0 कार्यक्रम के तहत जवाहर नगर कच्ची बस्ती महिलाओं को निशुल्क पैड उपलब्ध कराने के लिए सेनेटरी नैपकिन वेंडिंग मशीन लगाई गई। FLB की फाउंडर जानवी और तेजस्वी ने बताया कि जब हमने कच्ची बस्ती में इन महिलाओं से बात की और एक सर्वे किया तो सामने आया कि यहाँ की ज्यादा तर महिलाएँ और लड़कियाँ पीरियड्स के समय पैड का यूज नहीं करती हैं इनकी आर्थिक स्थिति भी ठीक नहीं है कि वो पैसे से सेनेटरी पैड ख़रीदे इनकी इसी समस्या को देखते हुए कमला 1.0 अभियान के तहत कच्ची बस्ती में सेनेटरी पेड़ मशीन लगाई है इस मशीन से महिलाएँ कभी भी आकर आवश्यकता अनुसार पैड निकाल कर लेकर जा सकती है इस मशीन में पैड रिफलिंग FLB की तरफ से किया जाएगा। मान द वैल्यू फाउंडेशन की फाउंडर मनीषा सिंह ने बताया कि हमारे समाज में आज भी बहुत सी बातों के बारे में खुलकर बात करना अशोभनीय माना जाता है और मासिक धर्म भी उन्हीं में से एक है . मासिक धर्म के दौरान प्रयुक्त किए जाने वाले सेनेटरी नैपकिन’ को लेकर भी महिलाओं में जागरूकता का काफी अभाव है . चिंताजनक तथ्य यह है कि हमारे देश में बड़ी संख्या में लड़कियां माहवारी के समय कपड़ा, टाट, या राख आदि का इस्तेमाल करती हैं, जो हमारे स्वास्थ्य के लिए बेहद हानिकारक है . जिससे कई तरह की बीमारियाँ होने का डर होता है . मनीषा ने बताया कि कमला 1.0 अभियान के तहत महिलाओं को माहवारी के दौरान स्वच्छता के प्रति जागरूक करने और निःशुल्क सेनेटरी पैड उपलब्ध कराने का बीड़ा उठाया है . जिसकी शुरुआत आज जवाहर नगर कच्ची बस्ती में सेनेटरी पैड की वेंडिंग मशीन लगा कर हुई है ,