ग्राम पूतली निवासी महिला ने स्वयं की किडनी देकर बचाया बेटी का जीवन
कोटपूतली:(संजय कुमार जोशी)
हिन्दू धर्म शास्त्रों में माँ का दर्जा भगवान से भी ऊंँचा बताया जाता है। कहा जाता है कि संतान अपने फर्ज को छोड़ सकती है, लेकिन माँ कभी भी अपनी संतान का बुरा नहीं देख सकती। वह अपनी जान की बाजी लगाकर भी बच्चों की रक्षा करती है। ऐसा ही कुछ कर दिखाया है निकटवर्ती ग्राम पूतली के किसान परिवार से आने वाली एक महिला सुनहरी देवी पत्नी हीरालाल गुर्जर ने, जिन्होंने अपनी बेटी की जान पर आये संकट को टालते हुए अपने जीवन का खतरा मोल लेकर बेटी के प्राणों को बचा लिया।
मानवता का परिचय देने के साथ-साथ एक माँ होने के दायित्व को बेहद कुशलतापूर्वक निभाकर उन्होंने सम्पूर्ण समाज व क्षेत्र के समक्ष एक आदर्श उदाहरण प्रस्तुत किया है। उनके पुत्र महेश कुमार गुर्जर ने बताया कि उनकी बहन ममता देवी (28) पत्नी कृष्ण कुमार गुर्जर निवासी ग्राम खेडक़ी मुक्कड़ की दोनों किडनियां प्राकृतिक कारणों के चलते खराब हो गई थी। जिससे उनकी बहन के जीवन पर खतरा मंडरा रहा था। परिवार में केवल उनकी माँ सुनहरी देवी की किडनी ही अपनी बेटी से मिलान खा रही थी।
इस पर किसान परिवार से आने वाली सुनहरी देवी ने 52 वर्ष की उम्र में अपने जीवन का खतरा मोल लेते हुए बेटी के जीवन को बचा लिया। बुधवार को उनकी एक किडनी बेटी ममता को जयपुर के महात्मा गाँधी अस्पताल में लगाई गई। जहाँ प्रात: 8 से दोपहर 3 बजे तक लगभग 8 घण्टे तक चले सफल ऑपरेशन में डॉ. सूरज गोदारा के नेतृत्व में चिकित्सकों की टीम ने सफलतापूर्वक किडनी ट्रांसप्लांट का सफल ऑपरेशन किया। ट्रांसप्लांट के बाद दोनों की स्थिति सामान्य है।
सुनहरी देवी की बड़ी बेटी उर्मिला देवी व दामाद हवासिंह गुर्जर राजस्थान पुलिस में कार्यरत है। वर्तमान में वे राजधानी जयपुर में अपनी सेवायें दे रहे है। इस प्रकार एक किसान माँ ने राज्य सरकार के नारे बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ को सही मायनों में चरितार्थ किया है।
तहलका डॉट न्यूज