बजरंग दल ने एसडीएम को ज्ञापन सौंपकर की माँग
कोटपूतली:(संजय कुमार जोशी)
देश में इस्लामिक जेहादी हिंसा भडक़ाने वाले पॉपुलर फ्रन्ट ऑफ इंडिया (पीएफआई) और तब्लीगी जमात जैसे संगठनों पर तुरंत प्रतिबंध लगाया जाए। जिन स्थानों पर हिंदू समुदाय अल्पसंख्यक हो गया है, वहां उसकी सुरक्षा के लिए पर्याप्त प्रबंध किए जाएं। बजरंग दल ने देश भर में प्रशासनिक अधिकारियों को राष्ट्रपति के नाम सौंपे ज्ञापन के चरण में गुरूवार को एसडीएम को ज्ञापन सौंपकर माँग की।
विश्व हिंदू परिषद के प्रांत सहमंत्री राजेन्द्र प्रसाद ने कहा कि नूपुर और नवीन के मुकदमों में जब तक न्यायालय यह घोषणा नहीं करता कि उन्होंने कोई अपराध किया है, तब तक उन्हें दोषी नहीं ठहराया जा सकता। जेहादी और कट्टरपंथी मुस्लिम नेतृत्व को सावधान करते हुए उन्होंने यह भी कहा कि वे आम मुसलमान को जुमे की नमाज या दूसरे अवसरों पर गुमराह कर हिंसा के रास्ते पर न धकेलें।
उन्होंने कहा कि वे 15 मिनट के लिए पुलिस हटाने जैसे बयान देने वालों से भी कहना चाहते हैं कि यह 2022 का भारत है। आज की सरकार देश में कानून का शासन कायम रखने में समर्थ है। हिंदू समाज भी आत्मरक्षा के अपने अधिकार का प्रयोग करते हुए गुंडागर्दी से निपटना भली-भांति जानता है। हिंसक और आतंकी लोगों व संगठनों की चुनौतियों को बजरंग दल ने हमेशा से स्वीकार किया है। यदि हिंदू समाज पर हमले नहीं रुके, तो बजरंगी अच्छी तरह जानते हैं कि उनसे कैसे निपटा जाए। बजरंग दल के देशव्यापी धरने के बाद राष्ट्रपति के नाम सौंपे ज्ञापन में मांग की गई है कि गत 3 और 10 जून को जुमे की नमाज के बाद मस्जिदों से निकली उन्मादी भीड़ और हमलावरों की पहचान कर उन पर रासुका के तहत कार्रवाई की जाए। शुक्रवार 17 जून को इन मस्जिदों समेत दूसरी मस्जिदों पर भी निगरानी रखी जाए।
साथ ही उन्मादी भीड़ को भडक़ाने वाले मुल्ला-मौलवियों, नेताओं की पहचान कर उन पर भी रासुका लगाई जाए। राष्ट्रपति से बजरंग दल की मांग है कि जहरीले भाषण देने वाले सभी लोगों को चिन्हित कर कड़ी कार्रवाई की जाए। जिन्हें धमकियां दी जा रही हैं, उन्हें तत्काल सुरक्षा दी जाए और धमकियां देने वालों पर कड़ी कानूनी कार्रवाई की जाए। जिन मस्जिदों और मदरसों से उन्मादी भीड़ निकलती है, उनकी जांच राष्ट्रीय जांच एजेंसी यानी एनआईए से कराई जाए। ज्ञापन में कहा गया है कि यूं तो हिंदुओं का कोई त्यौहार जेहादियों के आतंक का निशाना बने बिना आम तौर पर नहीं रहता किंतु, इस वर्ष संवत् 2079 की प्रतिपदा यानि 2 अप्रैल, श्रीराम नवमी और हनुमान जयंती पर निकाली गई शोभायात्राओं पर हमलों ने सारे कीर्तिमान ध्वस्त कर दिए। कट्टरपंथियों ने मस्जिदों से निकलकर हिंदुओं के घरों, दुकानों, वाहनों और सरकारी संपत्ति के साथ मंदिरों को भी नहीं छोड़ा। अनेक सुरक्षाकर्मी भी बुरी तरह घायल हुए। अनेक लोगों को जान से मारने की या यूं कहें कि सर तन से जुदा करने की धमकियां भी दी गईं। हिंदू मानबिंदुओं का उपहास उड़ाया गया, सार्वजनिक तौर पर गाली गलौच की गई और सेक्युलर बिरादरी के नेता और मुस्लिम संगठन इन सब बातों पर मौन साध गए जो कि देश हित में नहीं है। इस दौरान विश्व हिंदू परिषद व बजरंग दल कार्यकर्ताओं सहित नरेंद्र हिन्दू, हुक्मचंद लखेरा, देवेंद्र भरगड़, अरुण सैनी, विश्वनाथ सोनी, पुरुषोत्तम सोनी, चन्द्रशेखर शर्मा, राजेन्द्र रहीसा, आशीष भारतीय, ऋ षिराज गुर्जर, सुनील, सचिन गुर्जर, हीरालाल रावत, गिरिराज शर्मा, सचिन भरगड़, आशीष सैनी, राहुल सैनी, भूपेंद्र रावत, अजय, निशांत यादव, मोहित यादव, टेकचंद यादव, बबलू, संदीप आदि कार्यकर्ता उपस्थित रहे।
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