November 24, 2024
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सरकारी सम्पत्तियों से मास्टर प्लान को लागू करने की कवायद पुन: शुरू

सडक़ों को चौड़ा करने के लिए नगर परिषद पार्क की चार दीवारी हटाने का कार्य जारी

व्यापार मण्डल की बैठक आयोजित

कोटपूतली : (संजय कुमार जोशी)

विगत दिसम्बर 2021 माह के अन्त में शहर के व्यापारियों की नींद उड़ाने वाला मास्टर प्लान का जिन एक बार पुन: बोतल से बाहर आता प्रतीत हो रहा है। उल्लेखनीय है कि लगभग 6 माह पूर्व दिसम्बर माह में तत्कालीन नगर पालिका मण्डल द्वारा मास्टर प्लान 2031 के अनुरूप कस्बे की मुख्य सडक़ों को चौड़ा करने के लिए मुख्य चौराहे से पुरानी नगर पालिका तिराहे एवं राजकीय सरदार विधालय से शनि मंदिर तक स्थित मकानों, दुकानों समेत भूखण्डों के मालिकों को नोटिस जारी किये गये थे। तब मास्टर प्लान के तहत दोनों सडक़ों को क्रमश: 80 व 60 फीट चौड़ा किया जाना था। जिसके तहत निर्माणों में मार्किंग भी पालिका द्वारा कर दी गई थी। लेकिन ऐन वक्त पर प्रभावित लोगों द्वारा हाईकोर्ट में जाने के बाद मामले के न्यायिक रूप से विचाराधीन हो जाने एवं व्यापारियों के धरना प्रदर्शन के चलते बात टल गई थी। इसके बाद राज्य सरकार द्वारा पालिका की शक्तियों में बढ़ोतरी करते हुए इसे क्रमोन्नत कर नगर परिषद में तब्दील कर दिया गया है। तत्कालीन पालिकाध्यक्ष अब सभापति एवं ईओ अब आयुक्त नाम से कार्य कर रहे है।

प्राप्त जानकारी के अनुसार परिषद द्वारा सडक़ों को चौड़ा करने के लिए राजस्थान उच्च न्यायालय के आदेशानुसार सरकारी सम्पत्तियों को हटाकर सडक़ो की चौड़ाई बढ़ाने की प्रक्रिया शुरू की है। सबसे पहले यहाँ के मुख्य नगर परिषद पार्क की चार दीवारी हटाई जा रही है। जिसके बाद पुराने नगर पालिका भवन, राजकीय बुचाहेड़ा स्कूल एवं पूरानी सिटी डिस्पेंशनरी प्लाट के डण्डे को हटाकर रास्ते को चौड़ा किया जायेगा। जिसके बाद अगले चरण में निजी सम्पत्तियों को विधिवत् जाँच के बाद ही हटाया जायेगा।

उल्लेखनीय है कि राजस्थान उच्च न्यायालय ने इस सम्बंध में दायर अलग-अलग याचिकाओं पर सुनवाई करते हुए 30 दिनों के भीतर विस्तृत एवं सकारण आदेश पारित करने के निर्देश दिये थे। इस दौरान कोई विरोधात्मक कार्यवाही नहीं करने के साथ-साथ परिषद को सम्पत्ति मालिकों के दस्तावेज जाँच करने के लिए निर्देशित किया था। लगभग तीन से चार माह तक विधिक कार्यवाही जारी रही है। बताया जा रहा है कि न्यायालय से कुछ ही लोगों को स्टे प्राप्त हुए है। वहीं दुसरी ओर परिषद के मास्टर प्लान लागु किये जाने की प्रक्रिया पुन: शुरू होने से व्यापारियों व आमजन में खलबली देखने को मिली है।

इस सम्बंध में व्यापारियों की एक बैठक का भी आयोजन हुआ। जिसमें बड़ी संख्या में व्यापारियों ने भाग लेते हुए पालिका की कार्यवाही का विरोध किया। साथ ही परिषद की कार्यवाही को लेकर एकजुट रहकर कार्य करने की बात कही। बैठक में किशोरी लाल शर्मा, राधाकृष्ण पंजाबी, एड. बजरंग लाल शर्मा, सुभाष बंसल, दीपक शर्मा, मदन लाल सैनी, सहदेव सैनी, दिनेश कौशिक, अमरसिंह सैनी, फूलचंद सैनी समेत बड़ी संख्या में व्यापारी मौजूद थे। परिषद आयुक्त फतेह सिंह मीणा का कहना है कि आमजन को राहत दिये जाने के उद्धेश्य से मास्टर प्लान लागू किया जायेगा। प्रथम चरण में सरकारी संरचनाओं के सामने स्थित सडक़ों को चौड़ा करने के बाद ही निजी सम्पत्तियों से जमीन लेकर सडक़ों को चौड़ा किया जायेगा।

इस बार ग्रीष्मकालीन अवकाश के समय कार्यवाही :- बहरहाल मास्टर प्लान के तहत सडक़ चौड़ी करने के लिए संरचनाओं व निर्माण हटाने को लेकर परिषद की ओर से सम्पत्ति मालिकों को अभी तक परिषद की ओर से कोई विधिक नोटिस जारी नहीं किया गया है लेकिन पिछली बार की तरह इस बार भी कार्यवाही का समय न्यायालयों के ग्रीष्मकालीन अवकाश का तय किया गया है। उल्लेखनीय है कि विगत दिसम्बर माह में राजस्थान उच्च न्यायालय में ठीक शीतकालीन सत्र के अवकाश के समय मास्टर प्लान की कवायद शुरू की गई थी। तब स्थानीय याचीगणों ने विशेष बैंच के सामने याचिका दायर कर अपने आपको कार्यवाही से बचाया था। इस बार राजस्थान हाईकोर्ट की जयपुर पीठ समेत जोधपुर की मुख्य पीठ में आगामी 30 मई से 26 जुन तक ग्रीष्मकालीन अवकाश रहेगा। अवकाश के समय में विशेष सुनवाई के लिए प्रति सप्ताह एक विशेष बैंच का गठन किया गया है। अगर परिषद इस माह के अंत तक का समय कार्यवाही शुरू करने के लिए लेती है तो याचीगणों के पास केवल वैकेशन बैंच के सामने ही सुनवाई के लिए जाने का मौका रहेगा। वहीं दुसरी ओर स्थानीय न्यायालय में दायर याचिकाओं में भी कोई विशेष राहत सम्पत्ति मालिकों को न्यायालय की ओर से नहीं मिली है। अब देखना यह है कि इस बार सडक़ों को चौड़ा करने का लक्ष्य परिषद पुरा कर पाती है या फिर पुन: न्यायालय की रोक या आमजन के विरोध का सामना करना पड़ता है।