November 24, 2024
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जयपुर( जे.पी शर्मा ) घुमन्तु समुदाय ने अभाव में भी राष्ट्र निर्माण के कार्य मे अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। ऐसे में समाज के प्रत्येक नागरिक का कर्तव्य है अपनी योग्यता, क्षमता से बढ़कर उनके उत्थान का प्रयास करें।यह विचार राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के प्रांत प्रचारक डॉ शैलेन्द्र ने आज राजस्थान विश्वविद्यालय में व्यक्त किए।

डाॅ शैलेन्द्र घुमन्तु समुदाय पर आयोजित एक संगोष्ठी में बोल रहे थे। उन्होंने साथ ही युवा वर्ग से आव्हान किया कि आकादमिक विमर्श के साथ ही प्रत्यक्ष रूप से अभावग्रस्त समुदाय के जीवन में युवा भागीदारी करने की कोशिश करे जिससे समाज उनके जीवन अनुभव एवं चुनौतियों से प्रत्यक्ष रूप से परिचित हो सके तभी समाज मे अपेक्षित बदलाव आएगा।

मुख्यधारा की तलाश में घुमन्तु समुदाय विषय पर डिपार्टमेंट ऑफ लाइफ लांग लैर्निंग व घुमन्तु जाति उत्थान न्यास के द्वारा आयोजित राष्ट्रीय संगोष्ठी के दूसरे दिन प्रथम सत्र में प्रसिद्ध साहित्यकार डॉ राजेश व्यास ने अपने उध्बोधन में बताया कि बंजारा समुदाय कला-संस्कृति के विरल संवाहक है। बहुत से स्तरों पर आज भी आधुनिक गीत संगीत और चित्रकला का बड़ा भाग घुमन्तु जातियों की ही देन है। कला-संस्कृति के रूप में जो अनूठी सौगात उन्होंने हमें दी है, उसे संजोने की जरूरत है। बंजारा समुदाय के कला अवदान को विमर्श में लाये जाने की आवश्यकता है।

गुजरात से आये बंजारा समुदाय के विशेषज्ञ के जी बंजारा ने कहा वोल्गा से लेकर गंगा तक सबको बंजारा समुदाय ने नमक खिलाया है, बंजारा एक प्रतिष्ठित व्यापारिक समुदाय रहा है ।संगोष्ठी के संमापन सत्र में मुख्य अतिथि डॉ ओमप्रकाश बैरवा निदेशक एवं संयुक्त सचिव,आयोजना विभाग,आर्थिक एवं सांख्यिकी निदेशालय रहे साथ ही अध्यक्षता डॉ शैलेन्द्र,प्रान्त प्रचारक द्वारा की गई।

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