September 21, 2024

जयपुर- लैब टेक्नीशियन संघ राजस्थान के प्रदेश अध्यक्ष जितेंद्र सिंह ने सरकार से मांग करते हुए पुरानी पेंशन स्कीम लागू करने की मांग की उन्होंने कहा कि एक व्यक्ति गला काट प्रतिस्पर्धा के बीच भर्ती से लेकर सलेक्शन तक अपनी योग्यता सिद्ध करते हुए सरकारी नौकरी प्राप्त करता है! नौकरी प्राप्त होने के बाद महंगाई के अनुपात में प्रतिवर्ष महंगाई वृद्धि होती है! मतलब कर्मचारी सरकारी सेवा में रहते अपने और अपने परिवार का पालन पोषण ही कर पाता है! बुजुर्ग मां बाप की सेवा से लेकर के महंगी शिक्षा और चिकित्सा पद्धतियां ने बचत करना तो दूर प्रतिमाह कर्मचारियों को उल्टा कर्जदार बना दिया है! चारों तरफ महंगाई ने जिस तरह हाहाकार मचाया हुआ है और महंगाई वृद्धि उसी अनुपात में होती है तो इससे सिद्ध होता है आगे बचत के लिए कुछ नहीं होता, क्योंकि महंगाई वृद्धि और खर्चा एक साथ समान अनुपात में चलते हैं! सरकार की नीति और नीतियों को लागू करने में सरकारी कर्मचारी अपनी युवावस्था से लेकर के 60 साल तक अपना सर्वस्व लगा देता है! लेकिन जब शारीरिक और मानसिक शक्ति का क्षरण होता है शरीर को बीमारियां घेरने लगती हैं!

ऐसे में सेवानिवृत्ति के उपरांत सरकार की कार्मिकों की पेंशन को बंद करने से उनकी बुजुर्ग अवस्था दयनीय स्थिति होने लगी है! बहुत से परिवारों में तो आज बुजुर्गों को वृद्धा आश्रम में इसीलिए भेजा जाने लगा है क्योंकि वह परिवार पर अतिरिक्त बोझ समझने लगे हैं! परिवार में खर्चे इतने होते हैं कि उनकी इस अवस्था में कोई सेवा करने के लिए तैयार नहीं होता है! उनकी स्थिति ठीक उस दुधारू गाय की तरह होती है जब तक दूध देती है तब तक सेवा करते हैं! उसके बाद उसे वापस जंगल में छोड़ दिया जाता है! एक तरफ परिवार का सहारा नहीं मिलता दूसरी तरफ सरकार नई पेंशन स्कीम लागू करके उन्हें पूरी तरह बुजुर्ग अवस्था में बेसहारा करके छोड़ देती है! यह केवल पेंशन से जुड़ा हुआ मुद्दा नहीं है वरन एक मानवता का संवेदनशील मुद्दा हैकोई भी धंधा समय के साथ जलते हुए ओल्ड एज में अधिकांश से बढ़ता है लेकिन एक सरकारी नौकरी ही है जिसमें ओल्ड एज में पुरानी पेंशन स्कीम को बंद करके कार्मिकों की बुढ़ापे की लाठी भी छीन ली जाती है! कई राज्यों ने इन मुद्दों को ध्यान में रखते हुए इस दोहरी रवैया वाली नई पेंशन स्कीम को बंद करके पुरानी पेंशन स्कीम को लागू करने के निर्देश भी जारी कर दिए हैं! केंद्र सरकार से लेकर के राज्य सरकारें भी अपने कार्मिकों का जीवन स्तर सुधारने हेतु पुरानी पेंशन स्कीम को लागू कर विश्व स्तर पर एक बेहतरीन संदेश प्रदान कर सकती हैं, युवावस्था से लेकर के बुजुर्ग अवस्था में नागरिकों का उच्च स्तरीय जीवन ही विश्व स्तर पर उस देश की असली पहचान होती है!

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