बीएसटीसी-बीएड विवाद मामले में राजस्थान सरकार ने हाई कोर्ट में एक काउंटर एफिडेविट (Counter Affidavit) पेश किया है. इसमें सरकार की ओर से कहा गया है कि प्रदेश में लेवल-1 के पदों के मुकाबले पर्याप्त संख्या में बीएसटीसी अभ्यर्थी (BSTC Candidates) मौजूद हैं.
ऐसे में एनसीटीई का नोटिफिकेशन राज्य में लागू नहीं होता है. वहीं बीएड अभ्यर्थी लेवल-1 के लिए ट्रेंड नहीं है. उन्हें बीएड में लेवल-2 के लिए ट्रेंड किया जाता है. ऐसे में सरकार का यह जवाब करीब साढ़े तीन लाख बीएसटीसी अभ्यर्थियों के पक्ष में समझा जा सकता है. वहीं रीट 2021 में शामिल हुए करीब 9 लाख बीएड (BEd) अभ्यर्थियों के खिलाफ इसे माना जा रहा है.
हालांकि बीएड अभ्यर्थियों की ओर से आज इसका जवाब देने के लिए कोर्ट से समय मांगा गया है. इस पर जस्टिस विजय विश्नोई की खंडपीठ ने समय देते हुए मामले की फाइनल सुनवाई 22 नवंबर तय की है. कोर्ट ने साफ कर दिया है कि 22 नवंबर के दिन किसी भी हाल में मामले को स्थगित नहीं किया जाएगा.
18,750 पदों के मुकाबलें साढ़े 3 लाख अभ्यर्थी
महाधिवक्ता एमएस सिंघवी की ओर से पेश किए गए काउंटर एफिडेविट में कहा गया है कि रीट भर्ती 2021 के लेवल-1 के 18,750 पदों के मुकाबले राज्य में बीएसटीसी के करीब साढ़े तीन लाख अभ्यर्थी मौजूद हैं. ऐसे में एनसीटीई का नोटिफिकेशन यहां लागू नहीं होता है. वहीं जिन पड़ौसी राज्यों ने एनसीटीई के नोटिफिकेशन को माना है, वहां प्राइमरी टीचर्स की योग्यता एक समान है. लेकिन हमारे यहां यह अलग-अलग है. वहीं हमने कभी भी केन्द्र से रिलेक्सेशन की मांग नहीं की. ऐसे में इस तरह का नोटिफिकेशन हम पर थोपना गलत होगा.
यह है पूरा विवाद
रीट भर्ती परीक्षा के जिस लेवल-1 को लेकर लाखों अभ्यर्थी आमने सामने है. यह विवाद एचआरडी मिनिस्ट्री के एक निर्णय के कारण पैदा हुआ है. केन्द्रीय विद्यालय संगठन कमिश्नर के एक लैटर पर एचआरडी मिनिस्ट्री ने निर्णय लेते हुए एनसीटीई को निर्देश दिया था कि वो आरटीई एक्ट में संशोधन करके देशभर में टीचर ग्रेड-3 के लिए बीएड डिग्रीधारकों को भी योग्य माने. इस पर एनसीटीई ने संशोधन के बाद 28 जून 2018 को एक नोटिफिकेशन जारी करते हुए टीचर ग्रेड-3 के लेवल-1 में बीएड डिग्रीधारकों को पात्र घोषित करके कहा कि उन्हें नियुक्ति के दो साल के अंदर एक ब्रिज कोर्स पास करना होगा.
बीएड अभ्यर्थी इसे लेकर हाई कोर्ट पहुंच गये.
बस यहीं से पूरे देश में इस पर विवाद शुरू हो गया. इसके बाद सभी राज्य सरकारें एनसीटीई के इस नोटिफिकेशन को मानने के लिए बाध्य हो गई. हालांकि राजस्थान में जारी हुए रीट भर्ती 2021 के विज्ञापन में लेवल-1 के लिए बीएड डिग्रीधारियों को पात्र नहीं माना. इसके बाद नोटिफिकेशन का हवाला देकर बीएड अभ्यर्थी हाई कोर्ट पहुंच गए. वहीं दूसरी ओर बीएसटीसी अभ्यर्थियों ने भी हाई कोर्ट में एनसीटीई के नोटिफिकेशन को चुनौती दे दी.
तहलका डॉट न्यूज