जयपुर- मेरे फेसबुक पेज www.facebook.com/SPMittalblog पर राजस्थान के चिकित्सा मंत्री रघु शर्मा का एक वीडियो देखा जा सकता है। यह वीडियो 25 अक्टूबर के उस भाषण का है जो रघु शर्मा अपने निर्वाचन क्षेत्र केकड़ी में दिया है। पिछले एक सप्ताह में 25 अक्टूबर को यह दूसरा अवसर रहा, जब रघु शर्मा ने यह दिखाने की कोशिश की कि केकड़ी के विकास में कोई कसर नहीं छोड़ी है। रघु शर्मा लगातार अपने विकास कार्य गिना रहे हैं। रघु की तत्परता से प्रतीत हो रहा है कि वे जल्द ही चिकित्सा मंत्री के पद से मुक्त होने वाले हैं। असल में कांग्रेस हाईकमान ने रघु को गुजरात का प्रभारी बनाया है और गुजरात में अगले वर्ष दिसंबर में विधानसभा के चुनाव होने हैं। ऐसे में रघु शर्मा गुजरात में ही व्यस्त रहेंगे। राजस्थान के राजस्व मंत्री हरीश चौधरी को भी पंजाब का प्रभारी बनाया गया है। चौधरी पहले ही कह चुके है कि वे एक व्यक्ति एक पद के सिद्धांत पर अमल करेंगे। रघु शर्मा को मंत्री पद से मुक्त होने का अहसास हैं, इसलिए वे अपने निर्वाचन क्षेत्र केकड़ी में लाड़ प्यार, इकरार की भावनाओं वाले भाषण दे रहे हैं। 25 अक्टूबर को केकड़ी में सैकड़ों करोड़ों रुपए के विकास कार्यों का लोकार्पण और शिलान्यास कार्यक्रम में रघु ने कहा कि जब मैं 2008 से 2013 के कार्यकाल में विधायक था तब मुख्य सचेतक के पद पर रहते हुए केकड़ी में अनेक विकास कार्य करवाए।
बिना मांगे काम करवाएं, लेकिन केकड़ी के लोगों ने 2013 के चुनाव में मुझे हरवा दिया। रघु ने इस हार पर अफसोस जताते हुए सवाल किया कि क्या कोई पशु पालक दूध देती गाय को भगाता (हरवाता) है? मैं तो आप के लिए दूध देने वाली गाय रहा हंू। कोई मूर्ख ही होगा जो दूध देने वाली गाय को भगाएगा। लेकिन हारने के बाद भी मैं पांच वर्ष केकड़ी में ही रहा। अब मुझे फिर अवसर मिला है तो जनता की सेवा कर रहा हंू। रघु शर्मा के 25 अक्टूबर के भाषण के कई मायने निकाले जा रहे हैं। हालांकि कांग्रेस की राजनीति में रघु शर्मा का कद काफी बढ़ा है। भले ही वे मंत्री पद से मुक्त हो जाएं, लेकिन उनकी छवि प्रदेश स्तर के नेता से बाहर निकल कर राष्ट्रीय स्तर के नेता की बन रही है। 26 अक्टूबर को ही रघु ने दिल्ली में कांग्रेस की महत्वपूर्ण बैठक में भाग लिया। इस बैठक में राष्ट्रीय अध्यक्ष श्रीमती सोनिया गांधी भी उपस्थित रहीं। दो दिन पहले ही रघु और राहुल गांधी ने दिल्ली में गुजरात कांग्रेस के प्रमुख नेताओं से मुलाकात की। रघु को राहुल गांधी के बराबर वाली कुर्सी पर बैठने का मौका मिला। दिल्ली के राजस्ािान हाउस में गुजरात के कांग्रेसियों को दिए गए डिनर में राहुल गांधी भी शामिल हुए। कहा जा सकता है कि अब रघु का गांधी परिवार से सीधा तालमेल हो गया है।