अजमेर(अनील सैन) प्रदेश में बच्चियों और महिलाओं की सुरक्षा के लिए पुलिस मुख्यालय की ओर से बड़ा कदम उठाया गया है। पुलिस मुख्यालय द्वारा प्रदेशभर में ‘सुरक्षा सखी समूह’ लागू की गई है. इसके तहत प्रत्येक जिले के सभी थाना इलाकों में सुरक्षा सखी समूह बनाये जा रहे हैं। इसी कड़ी में गुरुवार को पुलिस अधीक्षक जगदीश चन्द्र शर्मा के निर्देश ओर अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक किशन सिंह भाटी के सुपरविजन में बिजयनगर थाना प्रभारी दिनेश कुमार चौधरी के सानिध्य में तारो का खेड़ा आगनबाड़ी केंद्र पर बैठक आयोजित की गई जिसमे नोडल प्रभारी चन्द्र कांता, एएनएम विमला देवी, महिला एवम बाल विभाग से सुपरवाइजर चन्द्रकान्ता मौजूद रही। इस अवसर उपस्तिथ संभागियों को थाना प्रभारी दिनेश कुमार चौधरी ने बताया कि ये सुरक्षा सखी पुलिस की आंख और कान का भी काम करेंगी। इन सुरक्षा सखी के पास निर्भया स्क्वायड का नंबर होगा। इसके साथ ही संबंधित थाने और एसएचओ का नंबर भी होगा ताकि कोई भी समस्या सामने आने पर सुरक्षा सखी सीधे उनसे संपर्क कर सके।
उन्होंने बताया कि प्रदेश में अपराध को नियंत्रित करने और सूचना तंत्र को मजबूत करने के लिए पुलिस मुख्यालय की ओर से बड़ा कदम उठाए जा रहा है. इसी कड़ी में अब महिलाओं और बालिकाओं की सुरक्षा के साथ ही उन्हें अपने अधिकारों तथा कानून के प्रति जागरुक करने के लिए हर गली-मोहल्ले में सुरक्षा सखी समूह का गठन किया जा रहा है। ये सुरक्षा सखी महिलाओं और बालिकाओं की सुरक्षा को लेकर काम करेगी।किसी भी महिला या बच्ची को किसी तरह की समस्या है तो सुरक्षा सखी के जरिये वह पुलिस की मदद ले सकती है।
इन समस्याओं का समाधान भी करायेगी सुरक्षा सखी
अगर किसी महिला को सोशल मीडिया पर ट्रोल किया जा रहा हो या फिर फोन कर परेशान कर रहा है।कोई व्यक्ति किसी बच्ची को घूर रहा है या फिर उसका पीछा कर रहा है तो वो सुरक्षा सखी की मदद ले सकती हैं।इसके अलावा अगर महिला को घर वाले परेशान कर रहे हैं या फिर बुजुर्ग महिला को उसके बेटे ही परेशान कर रहे हैं तो सुरक्षा सखी उनकी मदद करेगी। सुरक्षा सखी में शामिल होने वाली महिलाओं को सेल्फ डिफेंस का प्रशिक्षण भी दिया जाएगा।
पुलिस महिलाओं और बच्चियों में विश्वास पैदा करना चाहती है
बच्चियों और महिलाओं के साथ हो रहे अपराध को लेकर राज्य सरकार गंभीर है. लेकिन अभी भी महिलाएं और बच्चियां अपने साथ हो रहे अन्याय को लेकर पुलिस के पास जाने से झिझकती हैं। सुरक्षा सखी के जरिए पुलिस महिलाओं और बच्चियों में विश्वास पैदा करना चाहती है।इसके अलावा सुरक्षा सखी बनाए जाने से हर गली मोहल्ले में पुलिस का अपना एक सूचना तंत्र विकसित हो जाएगा। उसके जरिये अपराध को नियंत्रण करना काफी हद तक मुमकिन होगा।
तहलका डॉट न्यूज