प्लांट हटाने व रूपान्तरण निरस्त करने के लिए एसडीएम को सौंपा ज्ञापन
कोटपूतली(संजय जोशी) निकटवर्ती ग्राम रघुनाथपुरा में राष्ट्रीय राजमार्ग के पास घनी आबादी क्षेत्र में बजरी डस्ट वॉशिंग प्लांट से उडऩे वाली धूल-मिट्टी से ग्रामीणों का जीवन दूभर हो गया है। बड़ी संख्या में ग्रामीण किसान, महिलायें व बुजुर्ग एवं छोटे बच्चे प्लांट की वजह से धूल फांकने को मजबुर है। साथ ही श्वांस की गंभीर बीमारियों का भी शिकार हो रहे है। यही नहीं वॉशिंग प्लांट के नजदीक सरकारी अस्पताल समेत खेल मैदान, रेस्टोरेंट व बड़ी संख्या में खेत भी है। जिससे लोगों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।
समाजसेवी राधेश्याम शुक्लावास ने बताया कि इस सम्बंध में पूर्व में की गई शिकायत पर तहसीलदार सूर्यकान्त शर्मा ने राजस्व विभाग की संयुक्त टीम बनाकर राजस्व गांवों से मौके की दूरी का नाप लिया था। जिसमें ग्राम रघुनाथपुरा की दूरी 580 मीटर व आसपुरा की दूरी 1200 मीटर पाई गई। जबकि ग्रामीण ईलाकों में कृषि भूमि का उधोग लगाने के लिए रूपान्तरण करवाये जाने पर मुख्य आबादी से 1500 मीटर की दूरी होना अनिवार्य है। किन्तु हल्का पटवारी ने अपनी जाँच रिपोर्ट में मिलीभगत करते हुए रिपोर्ट चैक लिस्ट में 1560 मीटर की दूरी का अंकन कर फर्जी तरीके से रूपान्तरण किया गया। पटवारी की उक्त रिपोर्ट जाँच में भी गलत पाई गई है।
उल्लेखनीय है कि पूर्व में भी निकटवर्ती ग्राम करवास स्थित ल्यूबोर्क कार्बन इण्डस्ट्रीज, ग्राम पिचाणी स्थित लॉफार्ज ग्रिट उधोग व ग्राम मीरापुर फॉर्म में विष्णु इण्डस्ट्रीज का गलत रिपोर्ट के आधार पर हुए भू-रूपान्तरण तत्कालीन एसडीएम कनिष्क सैनी द्वारा निरस्त किये जा चुके है। शुक्रवार को इस सम्बंध में समाजसेवी राधेश्याम शुक्लावास के नेतृत्व में सैकड़ों की संख्या में ग्रामीणों ने एसडीएम सुनीता मीणा को ज्ञापन सौंपकर उक्त बजरी वॉशिंग प्लांट की भूमि का रूपान्तरण निरस्त किये जाने की मांग की। ज्ञापन में बताया कि उक्त बजरी प्लांट अत्यधिक प्रदूषण फैलाने व जल दोहन करने वाला उधोग है जबकि भू-रूपान्तरण में यह स्पष्ट किया गया है कि प्रदूषण रहीत उधोग स्थापित किया जायेगा। ज्ञापन में लिखा है कि अगर जल्द ही कार्यवाही नहीं हुई तो ग्रामीण मजबुरन उपखण्ड मुख्यालय पर धरना प्रदर्शन करेगें। एसडीएम सुनीता मीणा ने उचित कार्यवाही का आश्वासन दिलवाया।
ग्रामीणों का कहना था कि लगातार शिकायत के बावजुद भी किसी भी प्रकार की कार्यवाही नहीं होना प्रशासन की कार्यशैली पर सवालियां निशान लगाता है। इस दौरान रघुनाथपुरा से प्रताप सनवाल, लोकेश मीणा, यादराम जाट, पंकज, अनिल चौधरी, लालु चौधरी, रोशन लाल यादव आदि कृषक मौजुद थे।
तहलका डॉट न्यूज