November 24, 2024
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आपने कई मशहूर मिठाई की दुकानों के बारे में सुना होगा जिनके मिष्ठान जैसे भी हो पर इन दुकानों के नाम ही उनके ब्रांड बन चुके है. ऐसी ही एक दुकान है राधिका (खत्री ऑर्गेनिक्स ) तिलपट्टी एंड गजक जिनकी लोकप्रियता किसी से कम नहीं है.लेकिन मिठाइयों में कुछ ऐसी वैरायटियां भी हैं जो स्‍वास्‍थ्‍य के लिए लाभदायक होने के साथ ही स्‍वाद में भी बेहतरीन हैं। गजक, तिलपट्टी इनमें से एक है।

आइए आपको बताते हैं वैरायटी और अलग-अलग फ्लेवर में ब्यावर के बाजार में धाक जमा चुके तिलपट्टी गजक वालो के बारे में।

शहर में इन दिनों मिठाइयों से ज्यादा तिलपट्टी,गजक खाने वालों की संख्या कहीं अधिक बढ़ गई है।राधिका तिलपट्टी एंड गजक की दुकान की बनी खत्री तिलपट्टी की दुकान में तरह-तरह की तिल से बनी मिठाई और अजब गजब तिल बर्फी लोगों ओर खास ATM पान लोग खूब पसंद किए जा रहे हैं। देसी घी, इलाइची, तिल, गुड़, और चीनी के मिश्रण से तैयार शुद्ध गजक और तिल पट्टी अपनी इन्‍हीं खासियतों के कारण ही शहरवासियों को भा रही है।

ब्यावर के रहने वाले वासुदेव जी पिछले 40 सालों से शहर में तिलपट्टी एवं गजक का व्यापार कर रहे हैं। और अब उनके पुत्र जितेंद्र और महेंद्र खत्री भी इस व्यवसाय में शामिल हो चुके है। वह बताते हैं कि शहर में गजक की दुकान सबसे पहले उनके पिताजी लेखराज जी खत्री ने शुरू की थी। तब से लेकर अब तक उनकी दुकान में विभिन्न प्रकार की तिलपट्टी और गजक तैयार की जाती है। वासुदेव जी बताते है कि सबसे ज्यादा हमारे यहा की तिलपट्टी और गुड़ वाली गजक, और अजब गजब,ओर उरी उरी का स्वाद ग्राहकों को लुभा रहेे हैं।

विदेशों में भी ब्यावर की धाक

राधिका तिलपट्टी एंड गजक के यहां की तिलपट्टी का स्वाद देश ही नहीं बल्कि सात समुंदर पार विदेशी लोगों की जुबान पर भी चढ़ चुका है। देश के बाहर रहने वाले भारतीयों की ओर से यहां से ब्यावर की तिलपट्टी मंगवाई जाती है।

तिल पट्टी,गजक की दुकान के रूप में प्रसिद्ध “राधिका तिल पट्टी एंड गजक” के दुकान की शुद्ध तिलपट्टी का कोई सानी नहीं. यहां ब्यावर के अलावा शहर के विभिन्न क्षेत्रों व अन्य जिलों से भी लोग विशेषकर तिलपट्टी और गुड़ वाली गजक , और खास अजब गजब तिल बर्फी खाने और पैक करा कर साथ मेंं घर ले जाते हैं. ब्यावर में राधिका तिलपट्टी एंड गजक की दुकान की तिल पट्टी विश्वविख्यात है. यहां की तिलपट्टी एंड गजक खाने और नातेदारों को परोसने के लिए लोग दूर-दूर से आकर ले जाते हैं.

समय के साथ इन्होंने ने अभी अपने उत्पादों को ग्राहकों के अनुरुप बदला है. आपकी ब्यावर की यात्रा तब तक अधूरी है जब तक आप इनके स्वाद का आनद नहीं ले लेते.

तहलका डॉट न्यूज