अजीतगढ़(ज्ञान चन्द)- अजीतगढ़ कस्बे में श्री कृष्ण गौशाला की गुसाईं बगीची के सामने नवनिर्मित नन्दीशाला का लोकार्पण समारोह गुरुवार दोपहर को सीकर सांसद सुमेधानन्द सरस्वती के मुख्य आथित्य में किया गया। इस अवसर पर सांसद सुमेधानन्द सरस्वती ने कहा कि गऊ सेवा और यज्ञ सबसे बड़ा पुण्य का कार्य है। गऊ सेवा के लिए किया गया कार्य सबसे बड़ा धर्म है। यज्ञ में दी गयी आहुति सभी देवताओं तक पहुँच जाती है एवँ गाय को खिलाया गया एक ग्रास सभी देवताओं तक पहुँचता है एवँ सभी देवी देवता प्रसन्न होते हैं।
गाय के शरीर में सभी देवी देवताओं का निवास होता है। विशिष्ठ अथिति पूर्व विधायक झाबर सिंह खर्रा ने कहा कि हमें गऊ की सेवा के लिए प्रतिदिन कार्य करना चाहिए। गाय को नित्य भोजन करवाना चाहिए। गौशाला के निवर्तमान अध्यक्ष मक्खनलाल स्वामी ने कहा कि श्रीकृष्ण गौशाला की इस नन्दीशाला में क्षेत्र के बैल रखे जाएंगे।उन्होंने ग्रामीणों से आग्रह करते हुए कहा कि आप अपने आसपास में घूम रहे आवारा बैल आदि को इस नन्दीशाला में पहुचाये।
इस अवसर पर अजीतगढ़ पंचायत प्रधान शंकर लाल यादव,गीतांजली मल्टीस्पेशलिटी हॉस्पिटल के निर्देशक डॉक्टर मंगल यादव, शिक्षाविद शिवकुमार जोशी, भामाशाह मंगल चंद मीणा, नवनिर्वाचित अध्यक्ष मनीष मीणा, हेमंत पारिक, पवन कुमावत, गणेश बड़सिवाल, जय प्रकाश चौधरी, जयराम बड़सिवाल ,अजमेरी के पुरनमल मीणा,राजेन्द्र सिंह सामोता, रौशन सैनी, सुरेन्द्र डागर आदि उपस्थित रहे। पंडित मालीराम जोशी ने इस अवसर पर नन्दी शाला के धार्मिक कार्य पूर्ण करवाये। मंच संचालन ग्यारसीलाल टेलर ने किया।
भामाशाह का किया सम्मान
नवनिर्मित नन्दीशाला के निर्माण में आर्थिक सहयोग प्रदान करने पर कस्बे के अण्डेसरी मोहल्ला निवासी भामाशाह मोहनलाल बड़सीवाल का साफा एवँ माला पहनाकर मुख्य अथिति सांसद सुमेधानन्द सरस्वती ने सम्मान किया। गौरतबल है कि भामाशाह ने इस नन्दीशाला निर्माण के लिए आठ लाख रुपये का आर्थिक सहयोग श्री कृष्ण गौशाला को प्रदान किया था।
कार्यकर्ताओ से रूबरू हुए सांसद
कस्बे के मुख्य बाजार में सांसद सुमेधानन्द सरस्वती भारतीय जनता पार्टी युवा मोर्चा पूर्व प्रदेश कार्यकारिणी सदस्य ग्यारसीलाल टेलर के नेतृत्व में स्थानीय कार्यकर्ताओ से रूबरू हुए इस अवसर पर कार्यकर्ताओं ने क्षेत्र की विभिन्न समस्याओं से सांसद को अवगत करवाया जिस पर सांसद सुमेधानन्द सरस्वती ने समस्याओं को दूर करने का आश्वासन दिया।